इज़राइल में अल जज़ीरा के प्रसारण को बंद करने के बाद पुलिस ने कार्यालयों से समाचार नेटवर्क के प्रसारण उपकरण भी जब्त कर लिए। इसके साथ-साथ इज़राइली सरकार ने नेटवर्क की अंग्रेजी और अरबी वेबसाईटों को भी बंद कर दिया है।
इज़राइल के इस कठोर निर्णय को देखते हुए दुनिया भर के विभिन्न संस्थानों ने इज़राइल द्वारा उठाए गए इस कदम की आलोचना की। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के उप महासचिव टिम डॉसन का कहना है कि वह अल जज़ीरा को बंद करने के इज़राइल के कदम से "स्तब्ध" हैं।
इसके साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने भी अल जज़ीरा को बंद करने के इज़राइली फैसले की निंदा करते हुए कहा कि हमें इज़राइल में अल जज़ीरा को बंद करने के कैबिनेट के फैसले पर खेद है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र मीडिया आवश्यक है। अब तो गाज़ा से रिपोर्टिंग पर और भी कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक प्रमुख मानव अधिकार है। हम सरकार से प्रतिबंध हटाने का आग्रह करते हैं।
वहीं अल जज़ीरा ने इज़राइली प्रतिबंध को 'मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला आपराधिक कृत्य' बताया। नेटवर्क ने बयान जारी कर कहा कि यह एक भ्रामक और निंदनीय कदम में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में इज़राइली मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से इज़राइल में अल जज़ीरा के कार्यालयों को बंद करने के लिए मतदान किया।
बयान में कहा गया, "जब दुनिया ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया, तो इज़राइली सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त बुनियादी सिद्धांतों की उपेक्षा करते हुए, अल जज़ीरा के कार्यालयों को बंद कर दिया, जिससे जनता को इसकी सामग्री तक पहुँचने से रोक दिया गया, इसलिए अल जज़ीरा मीडिया नेटवर्क इस आपराधिक कृत्य की कड़ी निंदा करता है।"