पिछले साल चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की चुनावी जीत काफी हद तक द्वीप देश में भारत के राजनीतिक दबदबे को कम करने की प्रतिज्ञा पर निर्भर थी। सत्ता में आने के बाद उन्होंने राष्ट्र की समुद्री सीमा पर गश्त करने के लिए तैनात 89 भारतीय सैनिकों को वापस भेजने की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुइज्जू की प्रवक्ता हीना वलीद ने सोमवार रात को कहा, "अब तक दो सैन्य प्लेटफार्मों पर तैनात 51 सैनिकों को वापस भेज दिया गया है। देश में तैनात सभी भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक मालदीव से वापस ले लिया जाएगा।"
राष्ट्रपति के रूप में मुइज्जू अपनी पहली राजकीय यात्रा पर चीन गए थे, जिससे मालदीव के नए नेताओं के लिए भारत पहला विदेशी पड़ाव होने की परंपरा टूट गई।
इसी कड़ी में उन्होंने भारत को दरकिनार करते हुए द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए बीजिंग के साथ कई समझौते किए हैं।
गौरतलब है कि मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद से मालदीव और भारत के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। हालांकि मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर आधिकारिक वार्ता के लिए बुधवार को नई दिल्ली आने वाले हैं।