व्लादिमीर पुतिन ने रूस के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
क्रेमलिन में 7 मई को आधिकारिक शपथग्रहण समारोह आयोजित करने की परंपरा 2000 से चली आ रही है। 2024 में कई प्रमुख रूसी अधिकारियों, न्यायाधीशों और संसद सदस्यों की उपस्थिति के साथ यह गौरवमयी परंपरा जारी रही।
रूसी राष्ट्रपति चुनाव 15 से 17 मार्च को सम्पन्न हुआ, और पुतिन को 87.28% वोट के साथ अगले छह साल के कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुना गया।
समारोह की शुरुआत ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस के सेंट एंड्रयू हॉल में रूसी राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रपति के मानक, रूसी संविधान और रूसी राष्ट्रपति के प्रतीक चिन्ह के औपचारिक परिचय के साथ हुई।
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के अनुसार, समारोह में कुल मिलाकर लगभग 2,600 लोगों को आमंत्रित किया गया है।
पुतिन ने कहा, "रूस पश्चिमी देशों के साथ बातचीत से इनकार नहीं करता, चुनाव उनका है।"
व्लादिमीर पुतिन ने आश्वासन दिया है कि रूस के लोगों की सुरक्षा के हित उनके लिए सबसे ऊपर होंगे। उन्होंने रखनकित किया, "हम आज और आने वाली पीढ़ियों के लिए रूस के भाग्य का निर्धारण स्वयं और केवल स्वयं ही करेंगे।"
पुतिन ने कहा, "सुरक्षा मुद्दों, रणनीतिक स्थिरता पर बातचीत दवाब की स्थिति से नहीं, बल्कि केवल समान शर्तों पर संभव है। रूस बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था बनाने के लिए साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेगा।"
राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि रूस की राज्य प्रणाली लचीली होनी चाहिए और आगे बढ़ने की अनुमति देनी चाहिए। आने वाले दशकों तक देश के विकास की विश्वसनीय निरंतरता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
पुतिन ने जोर देकर कहा कि रूस को हजारों साल के इतिहास और दुर्गम ऊंचाइयों पर जाने वाले पूर्वजों को जवाब देना होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि रूस इस कठिन दौर से गरिमा के साथ गुजरेगा और और भी मजबूत बनेगा।
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि हम इस पूरे कठिन, मील के पत्थर के दौर को गरिमा के साथ पार करेंगे और भी मजबूत बनेंगे और निश्चित रूप से विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से दीर्घकालिक योजनाओं और बड़े पैमाने की परियोजनाओं को लागू करेंगे।"
शपथग्रहण समारोह के बाद आगे...
शपथग्रहण सम्पन्न होने के बाद अगले दिन 8 मई को संसद के निचले सदन राजकीय ड्युमा में रूस के प्रधानमंत्री की नियुक्ति के सवाल पर विचार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति करने के बाद वे संसद के सामने नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नाम प्रस्तुत करेंगे। राष्ट्रपति संसद के ऊपरी सदन संघीय परिषद के साथ विचार विमर्श करने के बाद निचले सदन के सामने रूसी सुरक्षा बलों और गुप्तचर संगठनों, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के नव नियुक्त प्रमुख अधिकारियों के नाम पेश करेंगे।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति करने के बाद वे संसद के सामने नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नाम प्रस्तुत करेंगे। राष्ट्रपति संसद के ऊपरी सदन संघीय परिषद के साथ विचार विमर्श करने के बाद निचले सदन के सामने रूसी सुरक्षा बलों और गुप्तचर संगठनों, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के नव नियुक्त प्रमुख अधिकारियों के नाम पेश करेंगे।