पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय के प्रमुख इशाक डार ने अमेरिकी चेतावनियों को दरकिनार करते हुए ईरान के साथ मीर गैस पाइपलाइन के पूरा होने पर विश्वास जताया है।
इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी भी हुक्म के आगे नहीं झुकेगा। पाकिस्तान एक संप्रभु राज्य है, हम अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और उनसे अपेक्षा करते हैं कि वे पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करें।
डॉन अखबार ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में डार के भाषण का हवाला देते हुए लिखा, "अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना का समर्थन नहीं करता है और तेहरान के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। हमें अपने हितों से निर्देशित होना चाहिए और उनके अनुसार कार्य करना चाहिए, चाहे अमेरिका या अन्य देशों का कुछ भी कहना हो।"
वहीं इससे पहले 23 अप्रैल को अमेरिका ने चेतावनी देते हुए पाकिस्तान को ईरान के साथ उसके आर्थिक सहयोग के परिणामों के बारे में जानकारी दी। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई "अमेरिकी प्रतिबंधों का संभावित खतरा" पैदा करती हैं।
ईरान और पाकिस्तान के बीच 2015 में हुए एक समझौते के तहत पाकिस्तान ने जनवरी 2015 तक पाइपलाइन के अपने हिस्से का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण इस पाइपलाइन का काम पूरा नहीं हो सका।
हालांकि पाकिस्तान ने दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर से ईरानी सीमा तक अप्रैल की शुरुआत में गैस पाइपलाइन के अपने हिस्से का निर्माण शुरू कर दिया है ताकि इसके निर्माण और चालू होने में देरी के कारण अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के जुर्माने से बचा जा सके।