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भारत से मिले विमानों को उड़ाने में मालदीव के सैनिक सक्षम नहीं, रक्षा मंत्री ने कबूला

भारतीय रक्षा कर्मियों के द्वीप राष्ट्र छोड़ने के कुछ दिनों बाद मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने स्वीकार किया है कि उनकी सेना के पास अभी भी भारत द्वारा दान किए गए तीन विमानों को संचालित करने में सक्षम पायलट नहीं हैं।
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माले और नई दिल्ली में जारी राजनयिक तनावों के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के अनुरोध पर भारत ने कुछ दिनों पहले द्वीप राष्ट्र में तैनात अपने 76 सैन्यकर्मियों को वापस बुला लिया था। हालांकि इन सैन्यकर्मियों की जगह नागरिक कर्मचारियों ने ले ली है।
इस बीच रक्षा मंत्री घासन मौमून ने शनिवार को राष्ट्रपति कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मालदीव में दो हेलीकॉप्टर और एक डॉर्नियर विमान चलाने के लिए तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी और उनकी जगह भारत से नागरिक कर्मचारियों को बुलाने के बारे में जानकारी दी।

घासन ने कहा, "यह एक प्रशिक्षण था जिसमें विभिन्न चरणों को पार करना आवश्यक था, लेकिन हमारे सैनिक विभिन्न कारणों से इसे पूरा नहीं कर पाए थे। इसलिए इस समय हमारे सैन्य बल में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं हैं जिसके पास दो हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान को उड़ाने के लिए लाइसेंस हो या पूरी तरह से उड़ान का प्रशिक्षण हो।"

पिछली सरकारों के समझौतों के तहत आपूर्ति किए गए हेलीकॉप्टर और विमान मुख्य रूप से मालदीवियाई कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए थे। हालांकि, वर्तमान स्थिति से पता चलता है कि यह प्रशिक्षण अधूरा है।
हालांकि विदेश मंत्री मौसा ज़मीर ने कहा कि भारतीय सेना को नागरिकों के साथ बदलने के समझौते में स्थानीय पायलट प्रशिक्षण के लिए प्रावधान शामिल हैं।
इस बीच, मालदीव सरकार ने देश में भारतीय कर्मियों की उपस्थिति के लिए एक चयनात्मक दृष्टिकोण का सुझाव देते हुए, सेनहिया सैन्य अस्पताल में काम करने वाले भारतीय डॉक्टरों को बनाए रखने का फैसला किया है।
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भारत ने मालदीव में 76 सैन्य कर्मियों को नागरिक कर्मचारियों से बदला
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