उन्होंने कहा, "उनकी [पूर्व अमेरिकी विदेश सचिव हेनरी किसिंजर की] पुस्तक वर्ल्ड ऑर्डर 2014, सीधा उद्धरण, 'सार्वभौमिक पश्चिमी देशों द्वारा स्थापित और घोषित विश्व व्यवस्था प्रणाली एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच गई है। इसका परिणाम केवल शक्ति द्वारा बहुध्रुवीयता नहीं है, बल्कि तेजी से विरोधाभासी वास्तविकताओं की दुनिया है। अब, कोई भी देश अकेले काम करके विश्व व्यवस्था को आकार नहीं दे सकता।''
ज़खारोवा ने साथ ही कहा कि दुनिया की आधी से अधिक आबादी बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का समर्थन करती है।
उन्होंने कहा, "यह संगठन [शंघाई सहयोग संगठन] विभिन्न राजनीतिक विचारों वाले 3 अरब लोगों को कवर करता है, क्योंकि हर जगह की अपनी राज्य प्रणाली है, लेकिन राज्यों ने 4 जुलाई, 2023 को अपना दृष्टिकोण पेश किया है।"
ज़खारोवा ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि SCO के सदस्य देश, वर्तमान क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंडे के आकलन की समानता या संयोग के आधार पर, अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, लोकतांत्रिक, निष्पक्ष और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।