चीन और पाकिस्तान ने एक संयुक्त बयान जारी कर द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार की घोषणा की। दोनों देशों ने जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं वे व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, उद्योग, अपतटीय खनन, सर्वेक्षण और मानचित्रण जैसे क्षेत्रों के विकास से संबंधित हैं।
साथ ही इस्लामाबाद और बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के उन्नयन और दूसरे चरण में मेगा परियोजना के विकास को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।
सीपीईसी के पहले चरण में बुनियादी ढांचा और ऊर्जा परियोजनाओं का विकास शामिल था। जैसे इस प्रोग्राम के अंतर्गत पाकिस्तान में चीन की सहायता से ग्वादर बंदरगाह को अपग्रेड करने और काराकोरम राजमार्ग को चौड़ा करने का काम किया जा रहा है।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत सीपीईसी के पहले चरण के सफल समापन के बाद दोनों पक्ष अब इसे "विकास गलियारे" में बदलने के लिए आठ प्रमुख कदम लागू करने पर विचार कर रहे हैं।
संयुक्त बयान में कहा गया, "सीपीईसी के पहले दशक की सफलता के बाद दोनों पक्ष उच्च गुणवत्ता वाले बेल्ट एंड रोड सहयोग को समर्थन देने के लिए आठ प्रमुख कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें संयुक्त रूप से विकास गलियारा, आजीविका बढ़ाने वाला गलियारा, नवाचार गलियारा, हरित गलियारा और खुला गलियारा बनाकर सीपीईसी का 'उन्नत संस्करण' तैयार करना, निर्यात, ई-पाकिस्तान, पर्यावरण, ऊर्जा और समानता एवं सशक्तिकरण पर आधारित पाकिस्तान के 5ई फ्रेमवर्क के साथ संरेखित करना, दोनों देशों और उनके लोगों को बेहतर लाभ पहुंचाना, सीपीईसी को बेल्ट एंड रोड सहयोग के उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण की एक अनुकरणीय परियोजना में बदलने के लिए मिलकर काम करना निहित है।"