रूस का S-400 और Su-57 का संयोजन भारतीय वायुसेना को बदल देगा
ठाकुर ने Sputnik भारत को बताया, "सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत के प्रतिद्वंद्वी या तो पहले से ही स्टील्थ लड़ाकू विमान तैनात कर चुके हैं या निकट भविष्य में ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।"
ठाकुर ने जोर देकर कहा, "इसके विपरीत उस समय तक भारतीय वायुसेना के पास कोई भी स्टील्थ लड़ाकू विमान नहीं होगा। वास्तविक रूप से बात करें तो उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान अपनी पहली उड़ान से 2-3 साल और परिचालन में शामिल होने से लगभग 15 साल दूर हैं।"
इस श्रेणी का पहला लड़ाकू विमान
सैन्य विशेषज्ञ ने बताया, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि Su-57 अपने हथियार डिब्बे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जा सकता है, जिससे यह ड्रोन मदरशिप के रूप में काम कर सकता है तथा ओखोतनिक (S-70) जैसे अत्यंत गुप्त और भेदक ड्रोन को नियंत्रित कर सकता है।"
ये 'अदृश्य' जेट लड़ाकू विमान क्या लेकर आते हैं?
एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) अनिल चोपड़ा ने सोमवार को एक रक्षा प्रकाशन के लिए अपने कॉलम में लिखा, "जबकि भारत ने अपने स्वयं के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, फिर भी Su-57 की पेशकश जारी है। बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान हवाई श्रेष्ठता मिशनों के लिए है और यह सतह और समुद्री लक्ष्यों को मार सकता है। इसमें स्टेल्थ, सभी विमान अक्षों में सुपर-मैन्युवरेबिलिटी, सुपर-क्रूज़, एकीकृत एवियोनिक्स और बड़ी पेलोड क्षमता शामिल है।"