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पीएम मोदी के रूस दौरे के बाद भविष्य में रूसी भाषा की मांग भारत में और बढ़ेगी: विशेषज्ञ

आज रूस के व्लादिमीर शहर में अंतर्राष्ट्रीय चर्चा क्लब "डायलॉग" की बैठक चल रही है। इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागी सामाजिक-आर्थिक, मानवीय, वैज्ञानिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
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Sputnik ने इस मौके पर भारत में रूसी भाषा के प्रभाव के बारे में जानने के लिए भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत सोनू सैनी से बात की।
उन्होंने कहा कि हालांकि, सोवियत संघ के विघटन के बाद रूसी भाषा सीखने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन पिछले 15 वर्षों में रूसी भाषा सीखने में लोगों की रुचि बढ़ी है।

सहायक प्रोफेसर सोनू सैनी ने कहा, "भारत में लगभग 50 विश्वविद्यालय और संस्थान हैं जहां कोई भी रूसी भाषा सीख सकता है। और हमारे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 350 छात्र हैं जो स्नातक, परास्नातक और निश्चित रूप से पीएचडी में रूसी भाषा का अध्ययन कर रहे हैं।"

भारतीय और रूसी संस्कृतियों के विकास पर ब्रिक्स समूह के दृष्टिकोण पर सोनू सैनी ने कहा कि ब्रिक्स में बहुत सारे दृष्टिकोण हैं। आज भी लोग रूसी भाषा सीख रहे हैं, क्योंकि लोगों को ब्रिक्स या एससीओ जैसे विभिन्न संगठनों में अनुवादक, दुभाषिए और शोधकर्ताओं की जरूरत है।

उन्होंने कहा, "ऐसे कई समूह हैं जो थिंक टैंक के रूप में काम कर रहे हैं। फिर हमारे पास मेडिकल टूरिज्म है, जो इन दिनों बहुत तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि 15 देशों से लोग आते हैं और वे रूसी भाषा में बात करते हैं। 15 देशों से मरीज आते हैं और निश्चित रूप से ये छोटे-छोटे समूह, केवल सामान्य पर्यटक नहीं हैं। इसलिए जो लोग एक या दो साल के लिए भी रूसी भाषा सीखते हैं, उन्हें भारत में अच्छा काम मिल जाता है और भारत और रूस के बीच विकसित हो रहे संबंधों के अनुसार दिन-प्रतिदिन दृष्टिकोण बदल रहा है।"

आगे आने वाले समय में रूसी भाषा की लोकप्रियता बढ़ने के बारे में बात करते हुए सहायक प्रोफेसर सोनू सैनी ने बताया कि समय के साथ रूसी भाषा की मांग लोगों के बीच जरूर बढ़ेगी।

श्री सोनू सैनी ने अंत में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की रूस यात्रा ने भी सभी भारतीय लोगों का ध्यान खींचा है। यह वो देश है जिसके साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। और ये दिन-प्रतिदिन विकसित हो रहे हैं। इसलिए भविष्य में छात्रों या शिक्षार्थियों या रूसी भाषा के विशेषज्ञों की भारी मांग होगी। आज भी यह है, लेकिन भविष्य में यह बढ़ेगी।"

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