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पंजाब के कट्टरपंथी समूह ने सार्वजनिक रूप से भारत को तोड़ने का किया आह्वान

दल खालसा ने 80 के दशक की शुरुआत में अमेरिका और कनाडा में कुछ विदेशी सिखों द्वारा खालिस्तान समर्थक प्रयासों का समर्थन किया था। हालांकि बाद के दौर में सभी प्रमुख खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को "निष्प्रभावी" कर दिया गया।
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भारतीय राज्य पंजाब के अमृतसर में आयोजित एक रैली में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हिस्सा लिया। इस रैली में कट्टरपंथी समूह दल खालसा के "प्रवक्ता" परमजीत सिंह मंड ने पंजाब से अलग होकर “खालिस्तान” के लिए समर्थन मांगा।

परमजीत सिंह मंड ने अपने समर्थकों से कहा, "खालिस्तानी होना कोई अंशकालिक काम नहीं है... जब तक खालिस्तान नहीं बन जाता, हम चैन से नहीं बैठ सकते।"

दरअसल दल खालसा अमृतसर में स्थित एक कट्टरपंथी सिख संगठन है। इस कट्टरपंथी संगठन का मुख्य उद्देश्य पंजाबी भाषी सिख बहुल राज्य को संप्रभु भारत से तोड़कर अलग देश खालिस्तान बनाना है।
गौरतलब है कि दल खालसा ने इस वर्ष लोकसभा चुनावों से दूर रहने का संकल्प लिया था कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली वर्तमान चुनावी प्रक्रियाओं में भाग लेकर एक संप्रभु पंजाब प्राप्त करने के लिए अनुकूल नहीं है।
हालांकि खालिस्तान समर्थक 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह और सरबजीत सिंह खालसा लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त करने में सफल रहा।
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