भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के उद्देश्य से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। इसके साथ बैठक में गहन, रचनात्मक और दूरदर्शी चर्चा हुई, इसके अतिरिक्त दोनों पक्षों ने स्थापित राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से गति बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।
इस बयान में कहा गया कि "शांति और सौहार्द की बहाली तथा LAC के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की स्थापना के लिए आवश्यक आधार हैं" और कि दोनों देश "दोनों सरकारों के बीच प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और सहमति के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।"
चीनी विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद कहा कि दोनों देश सीमा विवाद पर बातचीत में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं।
आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों देशों ने सीमा गतिरोध को हल करने के लिए "रचनात्मक" और "आगे की ओर देखने वाली" बातचीत की। चीनी विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के मध्य स्थापित द्विपक्षीय संबंधों पर कहा कि दोनों देश सीमा पर स्थित विवादित क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखेंगे। इसके अतिरिक्त बैठक में हिमालयी सीमा पर लंबे समय से चल रहे विवाद को सुलझाने पर भी ध्यान दिया गया।
यह बैठक वियनतियाने में आसियान से संबंधित बैठकों के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भेंट के बाद हुई।