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भारत के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी ने बांग्लादेश में अशान्ति और अस्थिरता पर जताई चिंता

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने बिना बांग्लादेश का नाम लिए वहां के हालात पर चिंता जताई है। 5 अगस्त को बांग्लादेश में सत्तारूढ़ शेख हसीना की सरकार गिरने और उनके भारत आने के बाद हालात चिंताजनक हैं।
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जनरल चौहान दिल्ली में एक सैनिक गोलाबारूद की एक कांफ्रेंस के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। जनरल चौहान ने कहा कि भारत की सुरक्षा को लेकर अपनी अलग चिंताएं हैं।

जनरल चौहान ने कहा, "हम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित छद्म-युद्ध का सामना कर रहे हैं। हम अचानक पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में इसमें तेज़ी देख रहे हैं। चीन के साथ लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद का सुलझना अभी बाकी है। हमारे पड़ोस में अस्थिरता होना भी एक चिंता का विषय है।"

उन्होंने कहा कि भारत जैसा विशाल देश, जिसकी अपनी सुरक्षा चुनौतियां हों युद्ध लड़ने और उसमें टिके रहने के लिए आयात पर निर्भर नहीं रह सकता है।
बांग्लादेश में अस्थिरता से भारत चिंतित है क्योंकि इससे उसकी पूर्वी सीमा के अशांत होने का खतरा है। इस सीमा के रास्ते पहले भी बांग्लादेश से आतंकवादियों और तस्करों की घुसपैठ होती रही है।
बांग्लादेश में हसीना सरकार के गिरने के बाद से बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत चौघरी ने दो दिन तक बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा का जायज़ा लिया है और उसे कड़ा किया है।
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