भारत और श्रीलंका की सेना के बीच चल रहे साझा अभ्यास में भारतीय दल में ढाई साल का ज़ैक नामक कुत्ता भी शामिल है।
ज़ैक जंगलों में आतंकियों की तलाश, घेरा डालने, घरों में घुसकर आतंकवादियों से हथियार छीनने जैसे कामों को आसानी से करता है। उसे लेज़र किरणों के ज़रिए अंधेरे में दुश्मन तक पहुंचने और रेडियो गाइडेड सिग्नल्स के ज़रिए दुश्मन का ठिकाना बताने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उसके सिर पर वीडियो कैमरा लगाकर निगरानी का काम भी किया जाता है।
इस K9 टीम के कमांडर मेजर ऋषि शर्मा का कहना है कि ज़ैक हर ऑपरेशन में आगे रहता है और सैनिकों के लिए फोर्स मल्टीप्लायर है।
इस तरह के कुत्तों का प्रशिक्षण मेरठ में स्थित सेना आरवीसी सेंटर में किया जाता है। इन प्रशिक्षित कुत्तों की आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारी मांग है।