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बांग्लादेश में राजनीतिक परिवर्तन का असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा: विशेषज्ञ

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के दो सप्ताह पहले देश छोड़ने के बाद कई दिनों की अस्थिरता के कारण बांग्लादेश से बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है।
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ताज़ा मीडिया रिपोर्ट में बांग्लादेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि बांग्लादेश में कई दिनों की अस्थिरता के कारण विदेश यात्रा में लगभग 90 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, बांग्लादेश से आने-जाने वाली उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या सामान्य से काफी कम है।
Sputnik India ने बांग्लादेश के टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सदस्य सैयद शफात उद्दीन अहमद तोमल से बांग्लादेश में पर्यटन की स्थिति के बारे में बात की।

"इसका [बांग्लादेश में अशान्ति] सीधा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। पर्यटन उद्योग उन उद्योगों में से एक है जो सबसे पहले प्रभावित होता है और सबसे आखिर में ठीक होता है। हर कोई सबसे पहले अपने दैनिक खर्चों को पूरा करता है और फिर पैसे बचने पर यात्रा करने और दूसरे काम करने के बारे में सोचता है," अहमद तोमल ने बताया।

टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के सदस्य ने पर्यटन सीजन के बारे में बात करते हुए बताया कि आमतौर पर देश में कंपनियां जून, जुलाई, अगस्त के महीनों में प्रोत्साहन यात्राएं, छुट्टी, अवकाश, व्यावसायिक यात्राएं करवाती हैं।
"बांग्लादेश में हमने चार साल पहले कोविड के समय में रिसर्च की थी। हमारे पास 20 लाख से ज़्यादा लोग हैं जो सीधे या परोक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़े हैं। और इसमें नागरिक उड्डयन, हवाई अड्डा, एयरलाइंस, होटल, गेस्ट हाउस, मोटल, मनोरंजन पार्क, थीम पार्क, पिकनिक स्पॉट शामिल हैं। और टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट, हज और उमराह करने वाले लोग भी। तो वे भी इस अशांति से प्रभावित हो रहे हैं," उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि देश में अस्थिरता के कारण पर्यटन पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण ट्रैवल कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में 50 से 70% तक की कटौती कर रही हैं और उनमें से कई ने तो वेतन रोक भी लिया है।
इसके बाद उन्होंने बताया कि देश से बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या में आई कमी से निपटने के लिए बांग्लादेश पर्यटन बोर्ड, बांग्लादेश पोर्ट जटन कॉर्पोरेशन और बांग्लादेश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण जैसे संगठनों ने सरकार को चिट्ठी लिख कर इस स्थिति से अवगत कराया है।

"कुछ संगठनों ने इस स्थिति से उबरने के बारे में सरकार को औपचारिक रूप से लिखा है। लेकिन हमें अभी तक सरकार से कुछ भी सकारात्मक सुनने को नहीं मिला है। इसलिए हम अभी भी उनके दिशा-निर्देशों का इंतज़ार कर रहे हैं," तोमल ने कहा।

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