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भारत ने रूसी हीरा प्रतिबंध पर जवाबी कार्रवाई के लिए अमेरिका को चेताया

G7 देश पॉलिश किए गए हीरो के विश्व के सबसे बड़े निर्यातक भारत से कह रहे हैं कि वह रूस के विरुद्ध G7 प्रतिबंधों का अनुपालन करने के लिए 0.5 कैरेट से अधिक वजन वाले अपने हीरे एंटवर्प से भेजे। नई दिल्ली ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है।
Sputnik
नई दिल्ली ने वाशिंगटन से कहा है कि अगर बाइडन प्रशासन G7 प्रतिबंधों का अनुपालन करने के लिए भारतीय हीरा निर्माताओं को एंटवर्प से हीरे भेजने के लिए विवश करता है, तो उसे अमेरिकी आयात के विरुद्ध जवाबी कार्रवाई करने के लिए विवश होना पड़ेगा।

"मैंने उप विदेश मंत्री (रिचर्ड वर्मा) और अमेरिकी राजदूत (एरिक गार्सेटी) से कहा कि हमारे हीरे एंटवर्प भेजने से हमारे निर्माताओं की लागत बढ़ जाएगी। उन्हें हमारे व्यापार के रहस्य भी पता चल जाएंगे," वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को दहिसर डायमंड इंडस्ट्री को बताया।

गोयल इस सप्ताह अमेरिकी राजनयिकों के साथ हुई बातचीत को याद कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्षों की कड़ी मेहनत के कारण ही भारतीय हीरा उद्योग एंटवर्प से आगे निकलने में सक्षम हुआ है। मंत्री ने कहा कि विश्व में लगभग 90-95% कच्चे हीरे मुंबई, सूरत, कोलकाता या तमिलनाडु के भारतीय शहरों में पॉलिश किए जा रहे हैं।

"यदि आप हमें विवश करेंगे, तो हमें जवाबी कदम उठाने होंगे। उदाहरण के लिए, हमें आपसे परीक्षण के लिए अपने आयात को जम्मू और कश्मीर भेजने के लिए कहना पड़ सकता है, ताकि वे इतने मंहगे हो जाएं कि वे बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम ही न हों," गोयल ने अमेरिकी राजनयिकों से कहा।

इसके अतिरिक्त, भारतीय मंत्री ने अमेरिकी प्रतिनिधियों से कहा कि भारत अब "कमज़ोर देश" नहीं रहा।

गोयल ने कहा, "यह मोदी का भारत है। अगर हमारे हितों को ठेस पहुँची तो हम आपके व्यापारिक हितों को ठेस पहुंचाएंगे।"

भारतीय मंत्री ने आगे बताया कि नई दिल्ली 0.5 कैरेट से अधिक वजन वाले अपने हीरों की जाँच कराने के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुपालन प्रक्रिया यूरोपीय संघ (EU) के बजाय भारत के केंद्रों पर की जानी चाहिए।
"हमारी लड़ाई अभी भी जारी है और हमें आशा है कि हम सफल होंगे," वाणिज्य मंत्री ने कहा।
गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि G7 रूसी डायमंड प्रतिबंध के मुद्दे पर भारत का रुख आरंभ से ही एक जैसा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यूरोपीय संघ (EU) के समकक्षों को भी इस मामले पर नई दिल्ली की संवेदनशीलता से अवगत कराया है।
"मैंने यूरोपीय संघ को भी यही बात बताई, जिसके बाद उन्होंने छह महीने का विस्तार देने का निर्णय किया," उन्होंने कहा।
ज्ञात है कि भारतीय उद्योग ने कहा है कि तीसरे देशों में पॉलिश किए गए रूसी हीरों के विरुद्ध इस वर्ष मार्च में आरंभ हुए G7 प्रतिबंधों का आज तक भारत-रूसी हीरा व्यापार पर कोई मुख्य प्रभाव नहीं पड़ा है।
उन्होंने भारतीय उद्योग से बाजार हिस्सेदारी को "पुनः प्राप्त" करने के लिए अधिक "जटिल रूप से डिजाइन किए गए" रत्न और आभूषणों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
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