रूसी मीडिया द्वारा व्यापार डेटा के विश्लेषण पर आधारित जानकारी के मुताबिक इन छह महीनों में निर्यात किये गए हीरों में बड़ा हिस्सा लगभग 77% गुणवत्ता वाले हीरों का था।
रूस के बड़े व्यक्तिगत ब्रोकर BCS ग्लोबल मार्केट्स अलेक्जेंडर टोकमिन के अनुमान के अनुसार, यदि रूस द्वारा भारत को भेजे जाने वाले हीरे के शिपमेंट की वर्तमान वृद्धि दर 2024 के अंत तक इसी तरह बनी रहती है तो निर्यात लगभग 10 मिलियन कैरेट होगा, हालांकि यह रूस में होने वाले हीरो के वार्षिक उत्पादन से लगभग 4 गुना कम है।
हीरा उत्पादक देशों और हीरे के आयातकों के एक संगठन किम्बरली प्रोसेस के अनुसार हीरे का वैश्विक उत्पादन साल 2023 में लगभग 8% घटकर 111.5 मिलियन कैरेट रह गया था, हालांकि हीरे की कीमतों में गिरावट के साथ विश्व बाजार अब स्थिर हो गया है।
हीरों के अलावा भारत रूस से तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, खनिज संसाधन, धातुएं और वनस्पति तेल जैसी चीजों का भी आयात करता है।