"यह बैठक भारत और रूस के बीच पिछले समझौतों के क्रियान्वयन हेतु रणनीति तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे कि दिसंबर 2010 में आपातकालीन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए अंतर-सरकारी समझौता (IGA) और आपातकालीन स्थितियों के परिणामों की रोकथाम और उन्मूलन में सहयोग के लिए भारत-रूस संयुक्त आयोग की स्थापना के लिए विनियमन (2013)," भारत के गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया।
"यह मानवीय सुरक्षा और आपात स्थितियों में लोगों को बचाने के लिए एक अच्छा और महत्वपूर्ण कदम होगा क्योंकि हमें बाढ़, भूकंप, तूफान और इस तरह की सभी आपातकालीन स्थितियों का सामना करना पड़ता है। और कभी-कभी हमारे विभाग की भविष्यवाणी सटीक नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में अगर कोई दूसरा पार्टनर है जिसे तकनीक का अच्छा अनुभव है, और वह मदद करता है तो बेशक ये हमारे लिए फायदेमंद होगा," प्रोफेसर सोनू सैनी ने कहा।
"रूस के पास इस क्षेत्र में [आग की घटनाओं से बचाव में] अधिक विकसित तकनीक है और जब वे अपने अनुभव साझा करेंगे तो उनकी तकनीक और सहयोगात्मक प्रयासों से बहुत से लोगों की जान बच सकती है। यह दोनों देशों के विशेषज्ञों के लिए एक तरह की बड़ी मदद होगी," प्रोफेसर सोनू सैनी ने बताया।
"मुझे लगता है कि यह सहयोग आगे भी जारी रहेगा। क्योंकि अंततः हम कह सकते हैं कि हम मानव जाति के लिए काम कर रहे हैं और दोनों देशों की राय है कि ऐसी आपातकालीन स्थितियों में जितना संभव हो सके, मानव जाति को बचाया जाए," प्रोफेसर सोनू सैनी ने कहा।