अमेरिकी सेना जनरल (सेवानिवृत्त) गॉर्डन डेविस ने बिजनेस इनसाइडर को बताया कि F-16 लड़ाकू विमान, जो यूक्रेन को अपने सहयोगियों से मिलने शुरू हो गए हैं, लड़ाकू क्षमताओं के मामले में रूसी सैन्य विमानों से कमतर हैं।
डेविस ने कहा, "F-16 विमानों में रेंज और भेद्यता से संबंधित कुछ समस्याएं हैं और यहां तक कि अगर हम उन विमानों में सबसे अच्छी प्रणालियां भी लगा दें, फिर भी वे कुछ सर्वश्रेष्ठ रूसी विमानों से बेहतर नहीं हो सकते।"
उन्होंने याद दिलाई कि रूस के पास "कई सौ उन्नत" युद्धक विमान हैं, जिनमें Su-35S सुपरमैन्युवरेबल एयर सुपीरियरिटी फाइटर, Su-30SM मल्टीरोल जेट और मिग-31 सुपरसोनिक इंटरसेप्टर विमान शामिल हैं।
जनरल ने कहा, "मुख्य बात यह है कि आप F-16 को युद्ध सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के लिए अधिकतम क्षमता दे सकते हैं, फिर भी वे जमीनी रक्षा और रूस के कुछ सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों के लिए कुछ हद तक कमजोर होंगे। यह एक मुद्दा है, और यह एक मुद्दा बना रहेगा।"
अगस्त के अंत में यूक्रेनी वायु सेना ने पुष्टि की कि एक अमेरिकी F-16 जेट, जिसे उसके पश्चिमी साझेदारों द्वारा यूक्रेन को हस्तांतरित किया गया था। ऐसे विमानों की पहली खेप कीव पहुंचने के कुछ ही सप्ताह बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने इस बात पर जोर दिया कि F-16 "लंबे समय से तथाकथित नाटो संयुक्त परमाणु मिशनों के ढांचे में डिलीवरी का मुख्य साधन रहे हैं," इसलिए मास्को कीव शासन को इन प्रणालियों की आपूर्ति को "नाटो द्वारा परमाणु क्षेत्र में जानबूझकर की गई संकेत कार्रवाई" के रूप में मानता है। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में इन विमानों की उपस्थिति से युद्ध के मैदान की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि अन्य हथियारों की तरह इन्हें भी नष्ट कर दिया जाएगा।