15 अक्टूबर को पीटर हास ने एक्सलेरेट एनर्जी के रणनैतिक सलाहकार के तौर पर बांग्लादेश में सरकार संभाल रहे प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से मुलाक़ात की।
यह कंपनी बांग्लादेश में इस्तेमाल के लिए तरल प्राकृतिक गैस यानि एलएनजी सप्लाई करती है। यह कंपनी बांग्लादेश में और ज्यादा निवेश की तैयारी कर रही है यानि गैस सप्लाई में अपना वर्चस्व बनाना चाहती है। ज़ाहिर है यह एक ऐसी चाबी है जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित कर सकती है।
एक्सलेरेट एनर्जी का ऑफिस अमेरिका के टेक्सस के वुडलैंड में है और यह बांग्लादेश के कुल उपयोग के 34 प्रतिशत गैस की सप्लाई करती है। यह कंपनी कॉक्सबाज़ार के पास महेशखाली स्थित गैस टर्मिनल से गैस की सप्लाई करती है। हास का लगभग 2 साल का बांग्लादेश में राजदूत का कार्यकाल विवादों और घरेलू राजनीति में दखलंदाज़ी के आरोपों से भरा रहा। बांग्लादेशी मीडिया ने खुलकर पीटर हास की संदिग्ध गतिविधियों पर रिपोर्ट छापीं।
इन्हीं रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2022 में अमेरिकी राजदूत बनकर आने के बाद से ही वह बांग्लादेश की घरेलू राजनीति में घुसपैठ करने लगे। पूरे 2023 हास ने खुलकर बांग्लादेश की विपक्षी पार्टियों के साथ मुलाक़ातें कीं। इनमें बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी भी शामिल थी। हास ने कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के साथ भी चर्चाएं कीं।
जमात-ए-इस्लामी 1971 में पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर बांग्लादेशियों के नरसंहार में शामिल रही है, इसके कार्यकर्ताओं पर युद्ध अपराध के मुक़दमें चले और चुनाव आयोग ने राजनैतिक दल के रूप में इसका पंजीकरण भी खारिज कर दिया था।
28 अक्टूबर 2023 को ढाका में बीएनपी की रैली में भारी हिंसा हुई, सुरक्षा बलों और पुलिस को निशाना बनाया गया। लेकिन इसके ठीक पहले पीटर हास बांग्लादेश से छुट्टियां मनाने श्रीलंका और फिर वहां से अमेरिका पहुंच गए।
इस साल 7 जनवरी को हुए बांग्लादेश के आम चुनाव में शेख हसीना की अवामी लीग ने दोबारा सरकार बनाने में सफलता हासिल की। लेकिन शेख हसीना ने मई में सनसनीखेज़ आरोप लगाए कि एक "गोरा देश" उनकी सरकार गिराना चाहता है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इस गोरा देश ने उनसे चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से होने देने के बदले अपने लिए एक एयरबेस मांगा था। यह गोरा देश बांग्लादेश और म्यांमार के हिस्सों को मिलाकर एक ईसाई देश बनाने की साज़िश कर रहा है।
Sputnik भारत ने मई में ही इन आरोपों पर अपनी रिपोर्ट छापी थी। 23 जुलाई को बेहद खामोशी से पीटर हास बांग्लादेेश राजदूत का पद छोड़ दिया। इसके तुरंत बाद शेख हसीना के खिलाफ़ प्रदर्शन तेज़ होने लगे और आखिरकार 5 अगस्त को उनकी सरकार गिर गई।