पश्चिम से चल रहा था हसीना सरकार गिराने का षड़यंत्र: सूत्र
15:04 06.08.2024 (अपडेटेड: 15:17 06.08.2024)
© AFP 2023 MUNIR UZ ZAMANAnti-government protestors march towards Prime Minister Sheikh Hasina's palace as army personnel (C) stand guard in Shahbag area, near Dhaka university in Dhaka on August 5, 2024.
© AFP 2023 MUNIR UZ ZAMAN
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विशेष
बांग्लादेश में हुए ताज़ा नाटकीय घटनाक्रम में एक बार फ़िर अमेरिका का हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं। सोशल मीडिया पर शेख हसीना की सरकार के ख़िलाफ़ लंबे समय से चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान के तार बांग्लादेश के बाहर के देशों से जुड़ रहे हैं।
सूत्रों द्वारा Sputnik India के साथ साझा की गई जानकारी के अनुसार, खासतौर पर छात्र आंदोलन में हिंसा और तथाकथित अत्याचारों के बारे में जिन फेसबुक* अकाउंट्स में खबरें फैलाई गईं, वे अमेरिका, मलेशिया और यूनाइटेड किंगडम से चलाए जा रहे थे।
ये फेसबुक पेज बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) या उससे जुड़े हुए संगठनों के हैं। शेख हसीना ने पहले भी अमेरिका पर उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप लगाए हैं।
As noted, a BNP is the major manufacturer and amplifier of anti-Awami League and anti-Sheikh Hasina posts, and their pages are also run from outside of Bangladesh, this could mean that these posts are being manufactured from outside the country by foreign elements, giving them a direct control on manipulating the narratives around the ongoing turmoil.
As noted, a BNP is the major manufacturer and amplifier of anti-Awami League and anti-Sheikh Hasina posts, and their pages are also run from outside of Bangladesh, this could mean that these posts are being manufactured from outside the country by foreign elements, giving them a direct control on manipulating the narratives around the ongoing turmoil.
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर छात्र आंदोलन में हिंसा के वीडियो और पोस्टरों को बड़े पैमाने पर फैलाया गया। ये फेसबुक अकाउंट बीएनपी, उसकी मीडिया सेल, बांग्लादेश जातीयतावादी छात्रदल, रोड टू डेमोक्रेसी जैसे नामों से थे।
सूत्रों के अनुसार, बीएनपी के नीली टिक वाले अकाउंट को चलाने वाले लोगों में से 62 बांग्लादेश में थे, लेकिन 2-2 लोग इसे अमेरिका और यूके से चला रहे थे। बांग्लादेश जातीयतावादी छात्रदल के अकाउंट को चलाने वालों में से एक मलेशिया और एक यूके में था। इसी तरह रोड टू डेमोक्रेसी को चलाने वाला इसे जर्मनी से चला रहा था। बीएनपी की मीडिया सेल को चलाने वालों में से दो अमेरिका में बैठकर इसे चला रहे थे। बांग्लादेश जातीयतावादी का एक अन्य अकाउंट अमेरिका और यूके में बैठे लोगों द्वारा चलाया जा रहा था।
As noted, a BNP is the major manufacturer and amplifier of anti-Awami League and anti-Sheikh Hasina posts, and their pages are also run from outside of Bangladesh, this could mean that these posts are being manufactured from outside the country by foreign elements, giving them a direct control on manipulating the narratives around the ongoing turmoil.
As noted, a BNP is the major manufacturer and amplifier of anti-Awami League and anti-Sheikh Hasina posts, and their pages are also run from outside of Bangladesh, this could mean that these posts are being manufactured from outside the country by foreign elements, giving them a direct control on manipulating the narratives around the ongoing turmoil.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने इसी साल मई में आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को गिराने और बांग्लादेश को तोड़ने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने अपने सहयोगी दलों के साथ हो रही एक बैठक में कहा था कि एक गोरे आदमी ने उन्हें प्रस्ताव दिया था कि अगर वह शांतिपूर्ण चुनाव कराना चाहती हैं तो एक पश्चिमी देश को अपने यहां एक एयरबेस बनाने की अनुमति दें। तब उन्होंने यह भी कहा था कि म्यांमार और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक ईसाई देश बनाने की कोशिश की जा रही है।
बांग्लादेश की मीडिया में पहले भी ऐसी चर्चाएं आई थीं कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप में एक एयरबेस बनाना चाहता है। केवल 3 वर्ग किमी का सेंट मार्टिन द्वीप बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व में है। यह द्वीप कोलकाता से लगभग 400 किमी और ल्हासा से 950 किमी दूरी पर है। अगर अमेरिका यहां एयरबेस बना लेता है तो उसके लिए न केवल पूरी बंगाल की खाड़ी बल्कि भारत, चीन, म्यांमार जैसे देशों पर नज़र रखना आसान हो जाएगा।
*मेटा चरमपंथी गतिविधियों के कारण रूस में प्रतिबंधित किया गया