भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ देश की राजधानी नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान जयशंकर ने विशेष रूप से गाजा में संघर्ष को लेकर कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है।
भारतीय विदेश मंत्री ने रणनीतिक साझेदारी परिषद के तहत राजनीतिक सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग पर समिति की दूसरी बैठक में सऊदी विदेश मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और सऊदी अरब की साझेदारी प्रगति पर आधारित है और भविष्य पर केंद्रित है।
एस जयशंकर ने कहा सऊदी विदेश मंत्री से बैठक के दौरान कहा, "इस संबंध में भारत की स्थिति सैद्धांतिक और सुसंगत रही है। जबकि हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, हम निर्दोष नागरिकों की निरंतर मौत से बहुत दुखी हैं। भारत लगातार दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान के लिए खड़ा रहा है।"
वहीं दोनों देशों के मध्य के व्यापार को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नई दिल्ली और रियाद दोनों व्यवसाय पर गहन सहयोग कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने संस्कृति, पर्यटन और युवा आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी पुरजोर स्वागत किया।
जयशंकर ने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि हमारे व्यवसाय गहन सहयोग कर रहे हैं। व्यापार और निवेश हमारी साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और हम उन्हें प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित नए क्षेत्रों में मजबूत कर रहे हैं। हम संस्कृति, पर्यटन और युवा आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रयासों का स्वागत करते हैं और हम मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं देखते हैं।"
भारतीय विदेश मंत्री ने सऊदी अरब में भारतीय समुदाय की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद देने के साथ साथ कहा कि सऊदी विजन 2030 और विकसित भारत 2047 हमारे उद्योगों के लिए नई साझेदारी बनाने के लिए पूरक हैं।