व्यापार और अर्थव्यवस्था

डी-डॉलरीकरण: भारत-मालदीव के बीच स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने पर समझौता

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (MMA) ने स्थानीय मुद्राओं यानी भारतीय रुपया (INR) और मालदीव रूफिया (MVR) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने हेतु मुंबई में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और एमएमए गवर्नर अली हाशिम की उपस्थिति में गुरुवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। आरबीआई के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच विभिन्न आर्थिक और वित्तीय लेनदेन में आईएनआर और एमवीआर के उपयोग को सुविधाजनक बनाना है।

आरबीआई ने कहा, "यह ढांचा निर्यातकों और आयातकों को अपनी-अपनी घरेलू मुद्राओं में चालान और निपटान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे विदेशी मुद्रा बाजार में INR-MVR जोड़ी में व्यापार का विकास संभव हो सकेगा।"

इसमें चालू खाता लेनदेन, स्वीकार्य पूंजी खाता लेनदेन और अन्य सहमत गतिविधियां शामिल हैं। इस पहल से लेन-देन लागत और निपटान समय में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है, जिससे सीमा पार व्यापार अधिक कुशल हो जाएगा।

आरबीआई ने कहा, "यह ढांचा निर्यातकों और आयातकों को अपनी-अपनी घरेलू मुद्राओं में चालान और निपटान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे विदेशी मुद्रा बाजार में INR-MVR जोड़ी में व्यापार का विकास संभव हो सकेगा।"

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