भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने खुलासा किया कि जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) ने गौतम अडानी जैसे भारतीय उद्योगपतियों के लिए और शेयर बाजार में "आर्थिक भूकंप" लाने और राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न करने के लिए निशाना बनाया।
संबित पात्रा ने कहा, "OCCRP ने भारत के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के खिलाफ हमेशा लिखा है। वह ऐसे दिखाते हैं कि इन लोगों ने पता नहीं कितना घोटाला किया है। इसका मकसद भारत की अर्थव्यवस्था को हिलाना था। भारत के मार्केट में शेयर की कीमतें गिराने का प्रयास किया गया जिससे शेयर गिरेंगे तो लोग देश की सरकार के खिलाफ हमला बोलेंगे, इस हरकत का लक्ष्य भारत में सत्ता परिवर्तन लाना था।"
उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि OCCRP को जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) और अमेरिकी सरकार की कुछ एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया गया था, जिससे इस बात में कोई संदेह नहीं रह गया कि संगठन 'डीप स्टेट' के लिए काम कर रहा था।
पात्रा ने आगे कहा कि 2021 OCCRP की रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि यह भारतीय राजनीति में तूफान लाने की कोशिश है। उन्होंने बताया कि OCCRP के 'डीप स्टेट' और अमेरिकी एजेंसियों से संबंध स्पष्ट हैं।
वहीं पात्रा के साथ-साथ सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे अन्य भाजपा नेताओं ने भी OCCRP पर अपनी टिप्पणी करते हुए उन्होंने इसे भारतीय संसद को पटरी से उतारने का एक साधन बताया।
निशिकांत दुबे ने कहा, "एक फ्रांसीसी समाचार पत्र मीडियापार्ट ने OCCRP के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जो अमेरिकी सरकार और जॉर्ज सोरोस के लिए काम करती है। OCCRP मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि भारतीय संसद को कैसे नियंत्रित किया जाए और इसे काम करने से कैसे रोका जाए।"
मीडियापार्ट द्वारा की गई एक जांच में OCCRP के प्रमुख ड्रू सुलिवन के हवाले से कहा गया है, "हम अमेरिकी कहानियों के लिए अमेरिकी सरकार या सोरोस के पैसे का इस्तेमाल नहीं कर सकते।" उन्होंने यह उजागर करते हुए कहा कि इस मीडिया नेटवर्क को दुष्ट अरबपति द्वारा वित्त पोषित किया गया है।