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इंटरनेट बंद होने की स्थिति में भी आतंकवादी स्टार लिंक के ज़रिए प्रोपेगेंडा चला सकते हैं: विशेषज्ञ

मणिपुर पुलिस ने जानकारी दी है कि उन्होंने आतंकवादियों के अड्डे से हथियारों, गोला-बारूद के अलावा एक इंटरनेट सेटेलाइट राउटर और 20 मीटर एफटीपी केबल बरामद किया है। पहली बार भारत में किसी आतंकवादी गिरोह के पास संचार का यह अत्याधुनिक साधन मिला है।
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पुलिस द्वारा जारी बरामद सामान की फोटो में राउटर के डिब्बे पर स्टारलिंक का लोगो नज़र आ रहा है। भारतीय सेना की तीसरी कोर ने भी इस ऑपरेशन की आधिकारिक जानकारी दी।
बरामद सिस्टम अभी मणिपुर पुलिस के पास है और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। स्टारलिंक के उपकरण सेटेलाइट के ज़रिए उन जगहों पर भी इंटरनेट सुविधा दे सकते हैं, जहां इंटरनेट नहीं है।

मणिपुर में तैनात एक अधिकारी ने कहा, "जंगलों और पहाड़ों से घिरे इस क्षेत्र में इस तरह की क्षमता आतंकवादियों के पास आना बेहद खतरनाक है क्योंकि इसके ज़रिए वे इंटरनेट बंद होने या कनेक्शन न होने के बाद भी बिना सुरक्षा एजेंसियों की नज़र में आए बड़े पैमाने पर संपर्क स्थापित कर सकते हैं। इस तरह के कम्यूनिकेशन को पकड़ पाना सुरक्षा कर्मियों के लिए लगभग असंभव होगा।"

स्टारलिंक का एंटीना बहुत छोटा होता है इसलिए इसे जाम करने के लिए सुरक्षाबलों को इसके बहुत पास जाने की आवश्यकता होती है। साथ ही केवल एक एंटीना को जाम करने के बाद भी दूसरे एंटीना के ज़रिए कम्यूनिकेशन जारी रखा जा सकता है।
भारत में अभी स्टारलिंक को काम करने की अनुमति नहीं मिली है हालांकि उसने अनुमति के लिए आवेदन किया है। एलन मस्क ने भी एक ट्वीट के ज़रिए दावा किया है कि स्टार लिंक का प्रयोग भारत में नहीं किया जा सकता।
मणिपुर और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों का लंबा अनुभव रखने वाले ब्रिगेडियर संदीप थापर (सेवानिवृत्त) का मानना है कि इस सिस्टम के बांग्लादेश से तस्करी के ज़रिए भारत आने की ज्यादा संभावना है।

"हालांकि एलन मस्क ने कहा है कि इसका इस्तेमाल भारत में नहीं हो सकता, लेकिन अगर आतंकवादी इसका गैरक़ानूनी ढंग से प्रयोग करें तो उनको सुरक्षा बलों के ऊपर जबरदस्त बढ़त मिलेगी। अभी सुरक्षा बल खतरे की स्थिति में इंटरनेट बंद कर देते हैं लेकिन स्टार लिंक के ज़रिए आतंकवादी उस स्थिति में भी प्रोपेगेंडा चला सकते हैं, आपस में संपर्क में रह सकते हैं। स्टार लिंक के कम्यूनिकेशन को इंटरसेप्ट कर पाना सुरक्षा बलों के लिए मुश्किल होगा। कश्मीर में आतंकवादियों ने भी एक समय में इसी तरह की रणनीति अपनाई थी," ब्रिगेडियर थापर ने Sputnik India से कहा।

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