अज़रबैजान के राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे किसी निर्माण की कोई ज़रूरत नहीं है।
"इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इस तरह की जानकारी समय-समय पर कुछ मीडिया में आती रहती है, मुझे कहना होगा कि [तुर्की बेस स्थापित करने की] कोई ज़रूरत नहीं है," अलीयेव ने कहा।
राष्ट्रपति अलीयेव ने इंटरव्यू में कहा कि अज़रबैजान 1992 के बाद से तुर्की के साथ सैन्य सहयोग कर रहा है, तब से यह सैन्य सहयोग शुरू हुआ और आज भी जारी है। उनके अनुसार, बेशक ज़रूरत के हिसाब से इसका स्वरूप बदलता रहता है।
उन्होंने कहा, "लेकिन मैं यह ज़रूर कहना चाहूँगा कि इन 30 से ज़्यादा सालों में तुर्की और उसके सैन्य ढांचे ने अज़रबैजानी सेना के आधुनिकीकरण और उसे उच्च मानकों पर लाने में अहम भूमिका निभाई है।"