भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि इस विषय पर चर्चा आगे बढ़ी है। हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म में इस पर्वतीय यात्रा का बहुत महत्व है। तीर्थयात्री 15000 फीट से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित मानसरोवर झील में स्नान करते हैं और कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं।
वर्ष 2020 में पहले कोविड महामारी और उसके बाद भारत-चीन के मध्य तनाव के कारण यह यात्रा बाधित हो गई थी। भारत सरकार लगातार इस यात्रा को दोबारा आरंभ करने के लिए चीन से बातचीत कर रही थी। नवंबर 2024 में दोनों देशों के मध्य रियो दी जनेरियो में हुई बैठक में इस यात्रा को पुनः आरंभ करने पर चर्चा हुई थी।
मई 2020 में भारत ने लिपुलेख दर्रे तक पहुंचने के लिए 17000 फीट की ऊंचाई पर 75 किमी की सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है। इससे पैदल यात्रा के समय में 6 दिन की कमी आई है यानि नई मानसरोवर यात्रा ज्यादा आसान होगी और कम समय में पूरी भी होगी।