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इस साल श्रद्धालु कर पाएंगे मानसरोवर यात्रा, नया रास्ता भी तैयार
इस साल श्रद्धालु कर पाएंगे मानसरोवर यात्रा, नया रास्ता भी तैयार
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पिछले पांच वर्षों से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा के इस वर्ष पुनः आरंभ होने की संभावना है। भारत और चीन ने 26 मार्च को बीजिंग में कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रारंभ... 27.03.2025, Sputnik भारत
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि इस विषय पर चर्चा आगे बढ़ी है। हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म में इस पर्वतीय यात्रा का बहुत महत्व है। तीर्थयात्री 15000 फीट से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित मानसरोवर झील में स्नान करते हैं और कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं।वर्ष 2020 में पहले कोविड महामारी और उसके बाद भारत-चीन के मध्य तनाव के कारण यह यात्रा बाधित हो गई थी। भारत सरकार लगातार इस यात्रा को दोबारा आरंभ करने के लिए चीन से बातचीत कर रही थी। नवंबर 2024 में दोनों देशों के मध्य रियो दी जनेरियो में हुई बैठक में इस यात्रा को पुनः आरंभ करने पर चर्चा हुई थी।मई 2020 में भारत ने लिपुलेख दर्रे तक पहुंचने के लिए 17000 फीट की ऊंचाई पर 75 किमी की सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है। इससे पैदल यात्रा के समय में 6 दिन की कमी आई है यानि नई मानसरोवर यात्रा ज्यादा आसान होगी और कम समय में पूरी भी होगी।
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भारत, तीर्थ यात्रा, भारत-चीन रिश्ते , चीन, द्विपक्षीय रिश्ते, बौद्ध धर्म , तिब्बती बौद्ध धर्म , बौद्ध लोग , हिन्दू
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इस साल श्रद्धालु कर पाएंगे मानसरोवर यात्रा, नया रास्ता भी तैयार
पिछले पांच वर्षों से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा के इस वर्ष पुनः आरंभ होने की संभावना है। भारत और चीन ने 26 मार्च को बीजिंग में कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रारंभ करने से जुड़ी प्रक्रियाओं पर चर्चा की।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि इस विषय पर चर्चा आगे बढ़ी है। हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म में इस पर्वतीय यात्रा का बहुत महत्व है। तीर्थयात्री 15000 फीट से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित मानसरोवर झील में स्नान करते हैं और कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं।
वर्ष 2020 में पहले कोविड महामारी और उसके बाद भारत-चीन के मध्य तनाव के कारण यह यात्रा बाधित हो गई थी। भारत सरकार लगातार इस यात्रा को दोबारा आरंभ करने के लिए चीन से बातचीत कर रही थी। नवंबर 2024 में दोनों देशों के मध्य रियो दी जनेरियो में हुई बैठक में इस यात्रा को पुनः आरंभ करने पर चर्चा हुई थी।
27 जनवरी को भारतीय विदेश सचिव ने चीन के उप विदेशमंत्री से भेंट के दौरान भी यह मुद्दा उठाया था। मानसरोवर यात्रा के लिए भारतीय यात्री दो रास्तों से तिब्बत जाते हैं। सड़क रास्ते से सिक्किम के नाथूला दर्रे से तिब्बत में प्रवेश किया जाता है और दूसरा पैदल मार्ग उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर है।
मई 2020 में भारत ने लिपुलेख दर्रे तक पहुंचने के लिए 17000 फीट की ऊंचाई पर 75 किमी की सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है। इससे पैदल यात्रा के समय में 6 दिन की कमी आई है यानि नई मानसरोवर यात्रा ज्यादा आसान होगी और कम समय में पूरी भी होगी।