रूस के उद्योग और व्यापार मंत्रालय तथा एक दवा डेवलपर के बीच विवाद पर विचार करते हुए, अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि रूसी संघ में एक ऑन्कोलॉजी दवा बनाई गई है। मामले की सामग्री के अनुसार, इसका दुनिया में कोई प्रतिरूप उपलब्ध नहीं है।
अदालत के निर्णय में कहा गया है कि, "अपील पर विचार करते समय, अदालत ने इस बात को ध्यान में रखा कि अनुबंध के निष्पादन के परिणामस्वरूप, एक ऐसी दवा विकसित की गई है जिसका दुनिया में कोई दूसरा प्रतिरूप नहीं है, जिससे रोग की अवस्था की परवाह किए बिना ऑन्कोलॉजिकल रोगों का उपचार संभव हो गया है।"
इसमें स्पष्ट किया गया है कि "अफोटीड" नामक दवा का इस्तेमाल पहले से ही "स्वयंसेवकों पर ऑन्कोलॉजिकल रोगों के उपचार के लिए किया जा रहा है, दवा की सुरक्षा सिद्ध हो चुकी है, जिसकी पुष्टि केस सामग्री में प्रस्तुत दस्तावेजों से होती है।"
अदालत ने कहा कि "इस दवा के क्लिनिकल परीक्षण सात क्लिनिकल केंद्रों में किए जाने की अनुमति है।"