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रूसी वैज्ञानिक का दावा: नई कैंसर वैक्सीन मेलेनोमा और मेटास्टेसिस के उपचार में अत्यधिक प्रभावी
रूसी वैज्ञानिक का दावा: नई कैंसर वैक्सीन मेलेनोमा और मेटास्टेसिस के उपचार में अत्यधिक प्रभावी
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कैंसर के इलाज के लिए रूस के नए टीके ने प्रारंभिक परीक्षणों के दौरान मेटास्टेसिस वाले मेलेनोमा के इलाज में बहुत अच्छा असर दिखाया।
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गामाले राष्ट्रीय महामारी विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा विकसित किए जा रहे कैंसर के टीके के उपयोग के बाद मेलेनोमा नामक कैंसर ठीक हो जाता है, और मेटास्टेसिस भी खत्म हो जाता है। केंद्र के निदेशक अलेक्जेंडर गिन्ज़बर्ग ने Sputnik को बताया कि दवा के प्रीक्लिनिकल अध्ययनों ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं।उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई अन्य प्रकार के ऑन्कोलॉजिकल रोगों पर दवा के प्रभाव का परीक्षण शुरू करने की योजना बनाई गई है जिनमें फेफड़े, गुर्दे और अग्नाशय का कैंसर शामिल है। गिन्ज़बर्ग ने बताया कि इस काम में ऑन्कोलॉजी संस्थानों को शामिल करने की योजना है।इससे पहले गिन्ज़बर्ग ने Sputnik को बताया था कि कैंसर का टीका व्यक्तिगत होगा, यानी इसे प्रत्येक रोगी के लिए अलग से बनाया जाएगा। इसके विकास में कृत्रिम बुद्धिमत्ता मदद करेगी, जो ट्यूमर के मापदंडों का विश्लेषण करेगी और भविष्य की दवा का "ब्लूप्रिंट" जारी करेगी और विशेषज्ञ एक सप्ताह के भीतर इसके आधार पर टीका बना लेंगे।
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गामाले राष्ट्रीय महामारी विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान अनुसंधान केंद्र, अलेक्जेंडर गिन्ज़बर्ग, प्रीक्लिनिकल अध्ययन, कैंसर की नई वैक्सीन, मेटास्टेसिस का उपचार, मेलेनोमा नामक कैंसर का उपचार
गामाले राष्ट्रीय महामारी विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान अनुसंधान केंद्र, अलेक्जेंडर गिन्ज़बर्ग, प्रीक्लिनिकल अध्ययन, कैंसर की नई वैक्सीन, मेटास्टेसिस का उपचार, मेलेनोमा नामक कैंसर का उपचार
रूसी वैज्ञानिक का दावा: नई कैंसर वैक्सीन मेलेनोमा और मेटास्टेसिस के उपचार में अत्यधिक प्रभावी
16:38 01.12.2024 (अपडेटेड: 16:40 01.12.2024) कैंसर के इलाज के लिए रूस के नए टीके ने प्रारंभिक परीक्षणों के दौरान मेटास्टेसिस वाले मेलेनोमा के इलाज में बहुत अच्छा असर दिखाया जिससे चौथी स्टेज के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में प्रभावशीलता में वृद्धि हो सकती है।
गामाले राष्ट्रीय महामारी विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा विकसित किए जा रहे कैंसर के टीके के उपयोग के बाद मेलेनोमा नामक कैंसर ठीक हो जाता है, और मेटास्टेसिस भी खत्म हो जाता है। केंद्र के निदेशक अलेक्जेंडर गिन्ज़बर्ग ने Sputnik को बताया कि दवा के प्रीक्लिनिकल अध्ययनों ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं।
गिन्ज़बर्ग ने कहा, "प्रीक्लिनिकल अध्ययनों में हम देखते हैं कि ट्यूमर, खासकर मेलेनोमा, आसानी से घुल जाता है और गायब हो जाता है, और न केवल ट्यूमर, बल्कि मेटास्टेसिस भी गायब हो जाता है। मैं इस बात से इंकार नहीं करता कि हमारे पास आने वाले मरीजों में चौथी स्टेज के मरीज भी होंगे।"
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई अन्य प्रकार के
ऑन्कोलॉजिकल रोगों पर दवा के प्रभाव का परीक्षण शुरू करने की योजना बनाई गई है जिनमें फेफड़े, गुर्दे और अग्नाशय का कैंसर शामिल है। गिन्ज़बर्ग ने बताया कि इस काम में
ऑन्कोलॉजी संस्थानों को शामिल करने की योजना है।
इससे पहले गिन्ज़बर्ग ने Sputnik को बताया था कि कैंसर का टीका व्यक्तिगत होगा, यानी इसे प्रत्येक रोगी के लिए अलग से बनाया जाएगा। इसके विकास में कृत्रिम बुद्धिमत्ता मदद करेगी, जो ट्यूमर के मापदंडों का विश्लेषण करेगी और भविष्य की दवा का "ब्लूप्रिंट" जारी करेगी और विशेषज्ञ एक सप्ताह के भीतर इसके आधार पर टीका बना लेंगे।