लावरोव ने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि हम रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय समूह का काम फिर से शुरू कर पाएंगे। पिछले कुछ वर्षों में हमने विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठक नहीं की है, लेकिन हम इस मामले पर अपने चीनी सहयोगी और भारतीय विदेश मंत्री दोनों के साथ चर्चा कर रहे हैं।"
उन्होंने भरोसा जताया कि अब, जब भारत-चीन सीमा पर तनाव काफी हद तक कम हो गया है और स्थिति स्थिर हो रही है तथा नई दिल्ली और बीजिंग के बीच बातचीत चल रही है, तो हम आरआईसी प्रारूप को फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे।
लवरोव ने कहा कि रूस के चीन, भारत और सीआईएस देशों के साथ कई चर्चा बिंदु हैं, लेकिन यदि धमकियों और अल्टीमेटम से बचा जाए तो हितों का उचित संतुलन पाना हमेशा संभव होता है।
उन्होंने फ्यूचर फोरम 2050 में कहा, "हमारे महान पड़ोसियों भारत, चीन और सीआईएस देशों और यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ हमारे कई मुद्दे हैं, जिन पर अतिरिक्त विचार और आपसी रियायतों की आवश्यकता है। जितना अधिक सहयोग होगा, उतने ही अधिक विवाद उत्पन्न होंगे, जहां प्रत्येक पक्ष अपने हितों की थोड़ी अधिक रक्षा करना चाहेगा।"