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रूस को RIC प्रारूप फिर से शुरू होने की उम्मीद, भारत और चीन के बीच तनाव हुआ कम: लवरोव
रूस को RIC प्रारूप फिर से शुरू होने की उम्मीद, भारत और चीन के बीच तनाव हुआ कम: लवरोव
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मास्को को उम्मीद है कि रूस-भारत-चीन (RIC) प्रारूप में सहयोग पुनः शुरू हो जाएगा, क्योंकि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच तनाव काफी हद तक कम हो गया है
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उन्होंने भरोसा जताया कि अब, जब भारत-चीन सीमा पर तनाव काफी हद तक कम हो गया है और स्थिति स्थिर हो रही है तथा नई दिल्ली और बीजिंग के बीच बातचीत चल रही है, तो हम आरआईसी प्रारूप को फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे।लवरोव ने कहा कि रूस के चीन, भारत और सीआईएस देशों के साथ कई चर्चा बिंदु हैं, लेकिन यदि धमकियों और अल्टीमेटम से बचा जाए तो हितों का उचित संतुलन पाना हमेशा संभव होता है।
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रूस-भारत-चीन, ric प्रारूप में सहयोग, नई दिल्ली और बीजिंग के बीच तनाव, रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव, फ्यूचर फोरम 2050, रूस-भारत-चीन त्रिकोण, विदेश मंत्रियों की बैठक, भारत-चीन सीमा पर तनाव, नई दिल्ली और बीजिंग के बीच बातचीत, सीआईएस देशों के साथ चर्चा
रूस-भारत-चीन, ric प्रारूप में सहयोग, नई दिल्ली और बीजिंग के बीच तनाव, रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव, फ्यूचर फोरम 2050, रूस-भारत-चीन त्रिकोण, विदेश मंत्रियों की बैठक, भारत-चीन सीमा पर तनाव, नई दिल्ली और बीजिंग के बीच बातचीत, सीआईएस देशों के साथ चर्चा
रूस को RIC प्रारूप फिर से शुरू होने की उम्मीद, भारत और चीन के बीच तनाव हुआ कम: लवरोव
रूसी विदेश मंत्री सर्गे लावरोव ने फ्यूचर फोरम 2050 को संबोधित करते हुए कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच तनाव में उल्लेखनीय कमी आने के बाद मास्को को उम्मीद है कि रूस-भारत-चीन (RIC) प्रारूप के भीतर सहयोग फिर से शुरू किया जाएगा।
लावरोव ने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि हम रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय समूह का काम फिर से शुरू कर पाएंगे। पिछले कुछ वर्षों में हमने विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठक नहीं की है, लेकिन हम इस मामले पर अपने चीनी सहयोगी और भारतीय विदेश मंत्री दोनों के साथ चर्चा कर रहे हैं।"
उन्होंने भरोसा जताया कि अब, जब भारत-चीन सीमा पर तनाव काफी हद तक कम हो गया है और स्थिति स्थिर हो रही है तथा
नई दिल्ली और बीजिंग के बीच बातचीत चल रही है, तो हम आरआईसी प्रारूप को फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे।
लवरोव ने कहा कि रूस के चीन, भारत और सीआईएस देशों के साथ कई चर्चा बिंदु हैं, लेकिन यदि धमकियों और अल्टीमेटम से बचा जाए तो हितों का उचित संतुलन पाना हमेशा संभव होता है।
उन्होंने फ्यूचर फोरम 2050 में कहा, "हमारे महान पड़ोसियों भारत, चीन और सीआईएस देशों और यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ हमारे कई मुद्दे हैं, जिन पर अतिरिक्त विचार और आपसी रियायतों की आवश्यकता है। जितना अधिक सहयोग होगा, उतने ही अधिक विवाद उत्पन्न होंगे, जहां प्रत्येक पक्ष अपने हितों की थोड़ी अधिक रक्षा करना चाहेगा।"