प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा के उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति के साथ वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की, हालिया घटनाक्रम को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।
मोदी ने कहा, "हमने तनाव को तत्काल कम करने, संवाद और कूटनीति के माध्यम से आगे बढ़ने और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बहाल करने की अपील दोहराई।"
इससे पहले रविवार को अमेरिका ने नतांज़, फ़ोर्डो और इस्फ़हान सहित ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े प्रमुख स्थलों पर हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अनुसार, इन हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमता को सीमित करना था। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तेहरान "इस युद्ध को समाप्त करने" के लिए सहमत नहीं हुआ, तो उसे और गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
हमलों के जवाब में ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक की मांग की है।
ईरानी संसद ने बताया कि फ़ोर्डो में हमले की आशंका पहले से थी, इसलिए समय रहते वहां से कर्मचारियों को हटा लिया गया था, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था ने स्पष्ट किया है कि हमलों के बावजूद देश अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखेगा।