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ईरान-इज़राइल संघर्ष में अमेरिका के शामिल होने के बाद पिछले 24 घंटों में क्या हुआ?

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता के लिए मास्को पहुंच चुके हैं। वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने जोर देकर कहा कि "ज़ायोनी दुश्मन", जिसने "बड़ी गलती" की है और "बड़ा अपराध किया है", उसे अभी दंडित किया जा रहा है।
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अमेरिका द्वारा ईरान पर बमबारी शुरू करने और इज़राइल का साथ देने के बाद, बीते 24 घंटों में मध्य पूर्व में जारी ईरान-इज़राइल संघर्ष से जुड़ी अहम घटनाओं पर Sputnik रिपोर्ट कर रहा है।
इज़राइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने दावा किया कि उसने ईरान के पश्चिमी, पूर्वी और मध्य भागों में छह हवाई अड्डों पर हमला किया वहीं ईरानी एयर डिफेंस ने इज़राइल के उन्नत हर्मीस ड्रोन को मार गिराया।
IDF के अनुसार, "कई जवाबी हमलों के दौरान, ईरान के इस्फ़हान, बुशहर और अहवाज़ में दर्जनों लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाया गया।"
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरान-इज़राइल संघर्ष को लेकर रूस, चीन और पाकिस्तान ने 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम का आह्वान करने वाला प्रस्ताव पारित करने को कहा।
वहीं संयुक्त राष्ट्र के दूत अमीर-सईद इरावानी ने "अमेरिका की ज़बरदस्त आक्रामकता" की निंदा करते हुए अमेरिका पर "बेतुके बहाने" के तहत हमला करने का आरोप लगाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान में संभावित "शासन परिवर्तन" का संकेत दिया, जो उनके प्रशासन के सदस्यों द्वारा पहले कही गई बातों के बिल्कुल विपरीत था। वहीं उपराष्ट्रपति मार्को रुबियो ने कहा कि ईरान द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना तेहरान के लिए "आर्थिक आत्महत्या" होगी।

अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिकी सेना ने ईरान पर हमला करने के लिए बी-2 बमवर्षक विमानों को तैनात करते समय ध्यान भटकाने की रणनीति का इस्तेमाल किया। इसके अतिरिक्त, एक्सियोस के अनुसार, इज़रायली वायु सेना ने ईरानी वायु रक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने में मदद की, ताकि आने वाले अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बमवर्षकों के लिए रास्ता साफ हो सके।
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