बयान में कहा गया, "हम अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों के अनुरूप मध्य पूर्व में परमाणु हथियारों और अन्य सामूहिक विनाश के हथियारों से मुक्त क्षेत्र स्थापित करने की आवश्यकता की पुष्टि करते हैं।"
सदस्य देशों ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि ईरान पर किए जा रहे सैन्य हमलों के कारण अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हुआ है, तथा वे मध्य पूर्व में सुरक्षा स्थिति के बिगड़ने को लेकर चिंतित हैं।
ब्रिक्स देशों ने जोर देकर कहा कि "नागरिकों के जीवन की रक्षा की जानी चाहिए तथा अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के पूर्ण अनुपालन में नागरिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा की जानी चाहिए।"
जारी किए गए बयान में सभी पक्षों से बातचीत का आह्वान किया गया तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी इस प्रक्रिया का समर्थन करने का आह्वान किया गया ताकि तनाव कम किया जा सके तथा शांतिपूर्ण तरीकों से मतभेदों को सुलझाया जा सके।