पाकिस्तान का स्पष्ट नाम लिए बिना भारतीय रक्षा मंत्री ने सीमा पार आतंकवाद के बारे में भारत की चिंताओं को उजागर किया तथा एससीओ के सदस्य देशों से सैद्धांतिक रुख अपनाने का आग्रह किया।
भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा, "कुछ देश सीमापार आतंकवाद को नीतिगत साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को शरण देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई स्थान नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रेखांकित किया कि "भारत का मानना है कि सुधारित बहुपक्षवाद संवाद और सहयोग के लिए तंत्र बनाकर देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए सहयोग बनाने में सहायता कर सकता है। कोई भी देश, चाहे वह कितना भी बड़ा और शक्तिशाली क्यों न हो, अकेले काम नहीं कर सकता।"
भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहनशीलता आज उसके कार्यों से प्रकट होती है।
उन्होंने कहा, "इसमें आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने दिखाया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।"