अजपाहियन के वकील ने कहा, "अदालत ने जांच की याचिका स्वीकार कर ली है और मिकाएल अजपाहियन को दो महीने के लिए गिरफ्तार कर लिया है। यह निर्णय अवैध और निराधार है। बचाव पक्ष इस निर्णय के खिलाफ अपील करने की मंशा रखता है।"
अजपाहियन पर सरकार को उखाड़ फेंकने, देश की सीमाओं को तोड़ने, संप्रभुता को नकारने और संविधान के विरुद्ध हिंसा भड़काने के गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि अजपाहियन ने इन आरोपों को पूरी तरह झूठा और राजनीतिक बताया है।
बताया जा रहा है कि येरेवान की अदालत के बाहर पादरियों और आर्कबिशप के समर्थकों ने इकट्ठा होकर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध जताया।