बयान में कहा गया है, "एक बार फिर, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के नाम से संचालित एक संगठन ने बयान जारी कर इस्लामिक अमीरात के कुछ नेताओं की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने का आह्वान किया है। इस तरह के बयान और निराधार बयानबाज़ी किसी भी तरह से इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान के दृढ़ संकल्प और वैध रुख़ को प्रभावित नहीं कर सकते।"
दस्तावेज़ में यह भी कहा गया है कि देश के अधिकारी ICC और संगठन के प्रति किसी भी दायित्व को मान्यता नहीं देते हैं।
मुजाहिद ने कहा, "इस्लामी शरिया कानूनों को दमनकारी या अमानवीय कहना और उन्हें लागू करने वालों को गिरफ़्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने की धमकी देना, इस्लाम के शुद्ध धर्म और उसकी न्याय व्यवस्था के प्रति शत्रुता और घृणा का साफ प्रदर्शन है जो सभी मुसलमानों की भावनाओं का अपमान है।"
ICC ने मंगलवार को अफ़ग़ानिस्तान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्ला अखुंदजादा और अफ़ग़ानिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल हकीम हक्कानी के खिलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी किए।
20 फरवरी को अफगानिस्तान ने रोम संविधि में अपने प्रवेश को अस्वीकार कर दिया तथा अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की क्षमता को मान्यता न देने की घोषणा की।