"यह विषय भारत और चीन दोनों के साथ हमारी चल रही बातचीत का हिस्सा है। हम इस प्रारूप को पुनः जीवंत करने में रुचि रखते हैं, क्योंकि ये तीनों देश न केवल महत्वपूर्ण साझेदार हैं, बल्कि ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य भी हैं। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में RIC तंत्र की अनुपस्थिति अनुचित प्रतीत होती है," रुडेन्को ने कहा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस को उम्मीद है कि देश RIC ढांचे के भीतर काम फिर से शुरू करने पर सहमत होंगे।
बता दें कि इससे पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने फ्यूचर फोरम 2050 को संबोधित करते हुए कहा कि मास्को को उम्मीद है कि रूस-भारत-चीन (RIC) प्रारूप के भीतर सहयोग फिर से शुरू किया जाएगा।