घोषणापत्र के अनुसार, "इच्छुक सदस्य देशों ने SCO विकास बैंक की स्थापना के महत्व को स्वीकार करते हुए, इसे स्थापित करने और इस वित्तीय संस्थान के कामकाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर परामर्श को तेज करने का निर्णय लिया।" राज्यों ने अंतर-बैंक संघ की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी ज़ोर दिया।
घोषणापत्र में उल्लेख किया गया है कि "वे इस्लामी गणराज्य ईरान के अधिकृत बैंक को IBO के कामकाज से जोड़ने के मुद्दे के समाधान में तेजी लाने की वकालत करते हैं।"
घोषणा के मुताबिक SCO देश आर्थिक उपायों सहित किसी भी एकतरफ़ा दबावपूर्ण उपायों का भी विरोध करते हैं।
"SCO विकास बैंक की स्थापना के लिए इच्छुक पक्षों द्वारा निर्णय लिया गया है। यह SCO के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है, जिसकी तैयारी में बहुत समय लगा था, बहुत लंबी बातचीत हुई और अब सदस्य देश इस निर्णय पर पहुँच गए हैं और हम इससे बहुत खुश हैं," SCO महासचिव नूरलान येरमेकबायेव ने शिखर सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।
अन्य विवरण इस प्रकार हैं-
SCO ऊर्जा संघ की स्थापना का प्रस्ताव है।
संगठन का नशा-रोधी केंद्र स्थापित किया जाएगा।
SCO सदस्य देश ईरान पर इज़रायली और अमेरिकी सैन्य हमलों की कड़ी निंदा करते हैं।
मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका फ़िलिस्तीनी मुद्दे का न्यायसंगत समाधान है।
सदस्य देश उन कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करते हैं जिनके कारण गाज़ा पट्टी में जनहानी हुईऔर भयावह मानवीय स्थिति पैदा हुई।
ये देश द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर नाज़ीवाद के विचारों को पुनर्स्थापित करने और नरसंहार को उचित ठहराने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं।
SCO देश अफ़ग़ानिस्तान को एक स्वतंत्र, तटस्थ और शांतिपूर्ण राज्य के रूप में स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।
SCO देश आर्थिक उपायों सहित एकतरफ़ा दमनकारी उपायों का विरोध करते हैं।
ये देश ऐसी नीति का पालन करते हैं जो अंतरराष्ट्रीय विकास की समस्याओं के समाधान के लिए अवरोधी, टकरावपूर्ण दृष्टिकोणों को छोड़ती है और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने तथा बल प्रयोग न करने के सिद्धांतों पर आधारित है, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सतत विकास का आधार है।
इतिहास का सबसे बड़ा SCO शिखर सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीनी शहर तियानजिन में आयोजित हुआ। इस शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक विदेशी नेताओं के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।