"इज़राइल के हमले ने मध्य पूर्व में अमेरिका के प्रति विश्वास को कम कर दिया है, क्योंकि खाड़ी के सम्राट अब यह समझने लगे हैं कि भारी निवेश और बड़े पैमाने पर हथियारों की खरीद उन्हें इज़रायली हमलों से नहीं बचा सकती है," मास्को स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स के मध्य पूर्वी और अफ्रीकी अध्ययन केंद्र के विश्लेषक वेनियामिन पोपोव ने कहा।
उन्होंने कहा, "इस स्थिति का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम यह है कि अमेरिकियों ने अधिकांश मुस्लिम देशों की नजरों में अपनी विश्वसनीयता खो दी है।"
पोपोव ने कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र में नए संघर्ष का खतरा लगातार बना हुआ है, तथा क़तर पर हुए हमले जैसे और हमले होने की संभावना है।
लेकिन इसके साथ विशेषज्ञ ने कहा कि अमेरिका द्वारा इज़राइल को उसी हद तक समर्थन दिए जाने की संभावना नहीं है, जैसा कि वह अतीत में करता रहा है।