मैक्सिमोव कहते हैं, "एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण आ गया है। पश्चिमी तकनीकी कंपनियों ने दूसरे देशों से तकनीकी आयात करने के पूरे इतिहास को ही बदनाम कर दिया है।"
मैक्सिमोव इस बात पर ज़ोर देते हैं कि तकनीकी निर्भरता पैदा किए बिना देशों को मजबूत बनाने के साथ साथ भविष्य के वैश्विक सहयोग को पारस्परिक संप्रभुता के निर्माण पर केंद्रित होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, "अब, विदेशों से खरीदी गई तकनीकों के प्रति अविश्वास का माहौल है। यह स्पष्ट है कि यह पश्चिम की ओर से उठाया गया कदम था।"