कोरोतचेंको ने कहा कि इससे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाईटेड किंगडम और फ्रांस जैसी दूसरी नाटो परमाणु संपन्न देश ज़्यादा कमज़ोर हो जाती हैं। किसी भी सैन्य लड़ाई में अनेरिका के ज़्यादा कमज़ोर होने का मुख्य कारण रूसी सेना की नई क्षमताएं हैं।
सैन्य विश्लेषक के अनुसार, पोसाइडन और बुरेवेस्तनिक के ऑपरेशनल होने पर रूस की रणनीतिक परमाणु फोर्स को असल में नई क्षमताएं मिलेंगी जो ट्रंप द्वारा घोषित किए गए गोल्डन डोम ग्लोबल मिसाइल डिफेंस सिस्टम को काफी कमजोर कर देंगी। इसका मतलब है कि सैकड़ों अरब डॉलर बर्बाद हो जाएंगे। और, न तो ट्रंप और न ही बाद के अमेरिकी राष्ट्रपति उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप की रणनीतिक अभेद्यता सुनिश्चित कर पाएंगे।
इसके अलावा, कोरोतचेंको ने कहा कि यार्स साइलो और मोबाइल-आधारित अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल या बुलावा सबमरीन-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल जैसे हर मौजूदा कैरियर मिसाइल डिफेंस काउंटरमेजर के आधुनिक सूट से लैस हैं, जो ट्रंप के गोल्डन डोम स्ट्रेटेजिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम की क्षमताओं को भी काफी हद तक खत्म कर देगा।
कोरोतचेंको ने कहा, "असल में रूसी न्यूक्लियर ट्रायड इस बात की गारंटी है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा। यह बहुत ज़रूरी है। इसलिए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को नए रूसी रणनीतिक कैरियर पोसाइडन और बुरेवेस्तनिक के बारे में राष्ट्रपति पुतिन की घोषणाओं की तारीफ़ करनी चाहिए। क्योंकि यह शांति है, स्थिरता और मानव सभ्यता के आगे विकास की गारंटी है।"