बयान में कहा गया, "दोनों देश द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामों के संशोधनवाद और उसके इतिहास के मिथ्याकरण का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए तैयार रहने के साथ-साथ अपने प्रमुख हितों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर दृढ़ पारस्परिक समर्थन देंगे।"
उन्होंने बताया, "दोनों देश आपसी व्यापार की संरचना में सुधार करने पर सहमत हुए हैं वहीं रूस और चीन वैज्ञानिक एवं तकनीकी नवाचार तथा उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने के इच्छुक हैं और रूस और चीन अपनी गतिविधियों के राजनीतिकरण का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के भीतर परस्पर संपर्क जारी रखने पर सहमत हुए।"
दोनों पक्षों द्वारा जारी बयान में आर्कटिक में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने पर कहा गया कि रूस और चीन इसके लिए तैयार हैं इसके अलावा रूस और चीन ने अंतरिक्ष गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में संपर्कों को गहरा करने, चंद्र स्टेशन बनाने की परियोजनाओं का समर्थन करने और चंद्र अन्वेषण मिशनों का समन्वय करने पर भी सहमति जताई।