जारी बयान में कहा गया, "बैठक में साझेदारी के विस्तार पर चर्चा हुई, जिसमें उच्च एवं निम्न क्षमता वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजनाओं का विकास तथा परमाणु ईंधन चक्र में सहयोग शामिल था। उपकरण उत्पादन के स्थानीयकरण के अवसरों पर विशेष ध्यान दिया गया। बैठक के प्रतिभागियों ने कुडनकुलम एनपीपी परियोजना पर कार्य के दौरान प्राप्त मूल्यवान अनुभव पर ध्यान दिया और भारत में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नई प्रमुख पहलों को लागू करने की अपनी तत्परता पर जोर दिया।"
बयान में कहा गया, "यूनिट 1 और 2 को 2013 और 2016 में भारतीय राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ा गया और वे दक्षिणी भारतीय क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। यूनिट 3 में वर्तमान में प्री-कमीशनिंग कार्य चल रहा है, तथा सबसे महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक खुले रिएक्टर के साथ सुरक्षा प्रणालियों का परीक्षण के लिए तैयारियां की जा रही हैं। इसके समानांतर, यूनिट 4 के लिए निर्माण, स्थापना कार्य और उपकरणों की आपूर्ति जारी है, और तीसरे चरण के तहत यूनिट 5 और 6का निर्माण सक्रिय रूप से चल रहा है।"