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नई दिल्ली और मुंबई में लगेगी रूस के प्रसिद्ध कलाकार निकास सफ्रोनोव की प्रदर्शनी

रूसी कंपनी रोसनेफ्ट के समर्थन से दिसंबर में रूस के प्रसिद्ध कलाकार निकास सफ्रोनोव की दो प्रदर्शनियां भारत में लगाई जाएंगी जिसके अंतर्गत नई दिल्ली और मुंबई में लगभग 100 तस्वीरें दिखाई जाएंगी।
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प्रदर्शनी के कुछ चित्र कलाकार की विशेष ड्रीम विज़न शैली में बनाए गए हैं, और कलाकार निकास सफ्रोनोव ने दस चित्र खास भारत के लिए तैयार किए हैं।

वैश्विक मंच पर काम करने के लिए की जाने वाली तैयारी, उनकी चित्रों के लिए उनकी प्रेरणा और काम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के इस्तेमाल के बारे में रूसी मीडिया से बात करते हुए, सफ्रोनोव ने बताया कि वह प्रदर्शनी के लिए 96 पेंटिंग तैयार कर रहे हैं और वह हर दिन पेंटिंग कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत में आयोजित की जाने वाली प्रदर्शनी से उन्हें बहुत उम्मीदें हैं।

रूस के प्रसिद्ध कलाकार निकास सफ्रोनोव ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यह सफल होगी। पहली प्रदर्शनी 7 से 21 दिसंबर तक नई दिल्ली में और फिर 25 दिसंबर से 15 जनवरी तक मुंबई में होगी। दिल्ली एक आर्थिक और व्यापारिक शहर है, जबकि मुंबई एक कलात्मक शहर है। इसलिए, मुझे उम्मीद है कि मेरे काम को अलग-अलग तरह के लोग देखेंगे।"

निकास सफ्रोनोव ने मीडिया को आगे बताया कि वह जब दूसरे देशों में प्रदर्शनी की तैयारी करते हैं तो वह इतिहास, संस्कृति, पेंटिंग और महाकाव्य जैसी हर चीज़ पर विचार करते हैं।

उन्होंने बताया, "मैंने शिव, ब्रह्मा, ताजमहल, वाराणसी, प्रकृति, वास्तुकला और मशहूर जगहों की तस्वीरों का अध्ययन किया। माहौल को जानने के लिए मैंने निकोलाय रेरिख के चित्रों को ध्यान से देखा, ताकि एक बार फिर भारत और तिब्बत को उनकी नज़रों से देख सकूँ। मैं एक बार पर्यटक के तौर पर उन पहाड़ों पर जा चुका हूँ।"

भारत की राजधानी नई दिल्ली और मुंबई में लगाए जाने वाली प्रदर्शनी पर वह कहते हैं कि वह आशा करते हैं कि प्रदर्शनी सफल होगी जिसमें कई तरह के मेहमान आएंगे जिनमें इन शहरों के आम लोग, रचनात्मक बुद्धिजीवी, स्कूली बच्चे और व्यापार करने वाले लोग शामिल होंगे।

सफ्रोनोव कहते हैं, "हम वहां बैठक, विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के साथ साथ विद्यार्थियों से बातचीत करेंगे। और एक बार फिर, रोसनेफ्ट को धन्यवाद, जिसने इस प्रोजेक्ट का सहयोग किया और इसे विकसित करने में मदद की।"

मीडिया को दिए साक्षात्कार में निकास सफ्रोनोव से उनके ड्रीम विजन स्टाइल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह सब एक "ऐसे सपने जैसा है जो आप जागने से पहले देखते हैं। और जब आप जागते हैं, तो आपको यह लगभग 15 मिनट तक याद रहता है। आखिरी छाप आधे धुंधले, पहले से ही फीके कैनवस पर छा जाते हैं। यह धुंधले वेनिस, धुंधले फ्रेस्को वाले पोम्पेई की यात्रा है। या किसी रूसी जंगल में धुंधली सुबह। यह एक मुश्किल तकनीक तो है।"

उन्होंने बताया, "मैं कहना चाहता हूँ कि AI किसी असली कलाकार की जगह नहीं ले सकता। यह प्रेरणा है जिसका आप इस्तेमाल करते हैं। भावना, पुरानी यादों का या मन का भाव AI नहीं बता सकता। AI सुझाव दे सकता है, लेकिन यह आपके बजाय काम नहीं कर सकता। और यह रचनात्मकता में कुछ एकदम नया भी नहीं ला सकता। यह एक एल्गोरिदम है जो इंसानों द्वारा प्रोग्राम किए गए एक खास टेम्पलेट के हिसाब से काम करता है और उसमें लोड की गई जानकारी का इस्तेमाल करता है।"

कलाकारों द्वारा AI पर भरोसा किए जाने को लेकर सफ्रोनोव कहते हैं कि "AI आपके विचार को देखने वाले तक बहुत अच्छे तरीके से पहुँचा सकता है। यह एक चित्र को सजीव कर सकता है, उसके आधार पर एक तरह का मेटावर्स बना सकता है, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके देखने वाले को उसमें डुबो सकता है।"

रूसी कलाकार निकास सफ्रोनोव ने कहा, "यह आपके काम की उन छोटी बारीकियों को दिखा सकता है जो कई बार नंगी आंखे नहीं देख पाती हैं। लाइव आर्ट प्लस VR और AR तकनीक अब भविष्य नहीं हैं, वे पहले से ही हमारा वर्तमान हैं। लेकिन AI बनाने वाला नहीं बन सकता। एक शानदार और प्रतिभाशाली विचार के लिए मैथमेटिकल एल्गोरिदम कैसे बनाई जा सकती हैं और उसे AI में कैसे डाला जा सकता हैं? इसका कोई रास्ता नहीं है।"

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