एसवीआर ने एक बयान में कहा, "यूक्रेनी संघर्ष में सीधे शामिल होने के लिए फ्रांस विकल्प तलाश रहा है।"
एसवीआर ने कहा कि यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई में सीधे तौर पर शामिल होने पर फ्रेंच निजी मिलिट्री कंपनियां रूसी सेना का मुख्य कानूनी निशाना बन जाएंगी।
जारी बयान में कहा गया, "मोबाइल वायु रक्षा समूह और यूक्रेन के पास मौजूद कुछ F-16 रूसी वायु लक्ष्य को इंटरसेप्ट नहीं कर पा रहे हैं।"