Sputnik संवाददाता के मुताबिक, रूसी लोक कलाकार और रूसी कला अकादमी के सदस्य निकास सफ्रोनोव ने भारत के रूसी दूतावास में एक संवादाता सम्मेलन में घोषणा की कि रूसी और भारतीय कलाकार मिलकर साझा प्रदर्शनी कर सकते हैं।
भारत में रूस के कलाकार सफ्रोनोव के कामों की पहली प्रदर्शनी दो दिन पहले भारत की राजधानी दिल्ली में शुरू हुई। कलाकार ने अपनी प्रदर्शनी के मुख्य हिस्से को विशेष रूप से भारत के लिए बनाया, जो भारत के महाकाव्य परंपरा, इतिहास, संस्कृति और कला से प्रेरित है। सफ्रोनोव की प्रदर्शनी रोसनेफ्ट के सहयोग से आयोजित की गई।
भारत में रूस के कलाकार सफ्रोनोव के कामों की पहली प्रदर्शनी दो दिन पहले भारत की राजधानी दिल्ली में शुरू हुई। कलाकार ने अपनी प्रदर्शनी के मुख्य हिस्से को विशेष रूप से भारत के लिए बनाया, जो भारत के महाकाव्य परंपरा, इतिहास, संस्कृति और कला से प्रेरित है। सफ्रोनोव की प्रदर्शनी रोसनेफ्ट के सहयोग से आयोजित की गई।
सफ्रोनोव ने कहा, "हमारी रूसी संस्कृति महान है और भारत की अपनी महान संस्कृति है। इसलिए, हम साझा प्रदर्शनी लगाएंगे। भारतीय कलाकार अपनी शैली और सृजनात्मकता के साथ आएंगे जिन्हें मैं समर्थन दूंगा। मुझे उम्मीद है कि हमारी प्रदर्शनी इस महान और बेहतरीन देश के बड़े शहरों में भी सफल होगी।"
कलाकार ने याद किया कि सोवियत समय में, भारतीय संस्कृति, खासकर भारतीय फिल्में, बहुत सफल और लोकप्रिय थीं।
सफ्रोनोव ने कहा, "आज भी हमें भारत से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल हैं जो रूसी संस्कृति और रूसी भाषा के बारे में पढ़ने और सीखने आते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत रूस के सबसे करीबी देशों में से एक है।
कलाकार ने आगे कहा, "हम जानते हैं कि भारत एक भरोसेमंद सहभागी है। रूस हमेशा भारतीय लोगों की सभी ज़रूरतों और अनुरोध का जवाब देगा। अलग-अलग देशों में ऐसे समय आते हैं जब रूसियों के साथ अलग तरह से बर्ताव किया जाता है। भारत में, आप किसी से भी पूछें, हर कोई रूसियों के साथ सम्मान, शुक्रगुजार और तारीफ के साथ पेश आता है। ठीक वैसे ही जैसे हम रूस में भारतीय नागरिकों के साथ बर्ताव करते हैं।"