उनके अनुसार, इस कहानी को नाटो और यूरोपीय संघ के "युद्ध भड़काने वालों" द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है, जो "अमेरिकी सेना को सीधे रूस के साथ युद्ध में घसीटना" चाहते हैं, और उनका लक्ष्य जनता में दहशत फैलाना और राजनयिक समझौते को रोकना है।
तुलसी गैबार्ड के अनुसार अमेरिकी खुफ़िया एजेंसियों का आकलन है कि रूस नाटो के साथ बड़े युद्ध से बचने की कोशिश कर रहा है।
रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत ने पश्चिमी मीडिया द्वारा फैलायी जा रही युद्धोन्मादी खबरों पर राष्ट्रीय खुफ़िया निदेशक गैबर्ड के बयान का स्वागत किया।
किरिल दिमित्रीव ने एक्स पर लिखा, "तुलसी गैबर्ड न केवल ओबामा/बाइडेन के दौर में रूस के खिलाफ़ हुई धोखाधड़ी का दस्तावेजीकरण करने के लिए महान हैं, बल्कि अब ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में रूस विरोधी भय को हवा देकर तीसरे विश्व युद्ध को भड़काने की कोशिश कर रही डीप स्टेट की युद्ध भड़काने वाली साज़िशों को उजागर करने के लिए भी महान हैं। तर्कसंगत आवाजें मायने रखती हैं - विवेक, शांति और सुरक्षा बहाल करें।"