ओरबान ने कहा कि मौजूदा खतरे का असली कारण, पश्चिमी यूरोप का राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक पतन है, जबकि यूक्रेनी झगड़ा मौजूदा हालात का एक लक्षण है, न कि उसका कारण।
उनके अनुसार, इन परिस्थितियों की जड़ें 2000 के दशक में शुरू हुई प्रक्रिया में हैं, और बाद के आर्थिक संकट पर यूरोप की अप्रभावी प्रतिक्रिया ने स्थिति को और अधिक बिगाड़ दिया।
ओरबान ने आज की ताजा स्थिति को देखते हुए यह भी कहा कि यूरोप में जल्द ही युद्ध छिड़ सकता है, और यह साल इस इलाके के लिए आखिरी शांतिपूर्ण साल साबित हो सकता है।
उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ (EU) सम्मेलन में जो फैसले लिए गए थे, उनका मकसद यूक्रेनी झगड़े को लंबा खींचकर रूस के साथ यूरोप का टकराव जारी रखना था।
हालांकि यूरोप में हंगरी जैसी ताकतें मौजूद हैं जो शांति की पक्षधर हैं, ओरबान ने चेतावनी दी है कि युद्ध को बढ़ावा देने वाला विशिष्ट वर्ग हावी होता दिख रहा है।