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मालदीव के कलंकित पूर्व राष्ट्रपति ने भारत पर न्यायिक 'हस्तक्षेप' का आरोप लगाया

© AFP 2023 AHMED SHURAUMaldives's former president Abdulla Yameen (C) arrives at a criminal court for his trial in Male on November 28, 2019.
Maldives's former president Abdulla Yameen (C) arrives at a criminal court for his trial in Male on November 28, 2019. - Sputnik भारत, 1920, 26.12.2022
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भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोप के कारण मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को 2023 के राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने से हटाया जा सकता है।
जब मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को मालदीव के आपराधिक न्यायालय द्वारा भ्रष्टाचार और धन शोधन के लिए दोषी ठहराया गया, तब उन्होंने माले में उच्चायोग में भारतीय राजनयिकों पर न्यायिक "हस्तक्षेप" का आरोप लगाया।

यामीन की कानूनी टीम को सोमवार को सौंपे गए न्यायालय के निर्णय के अनुसार उन्हें 11 साल कैद की सजा मिली। वे फिलहाल माफुशी द्वीप की जेल में हैं।

अतीत में यामीन के कार्यकाल के दौरान मालदीव के उपराष्ट्रपति का काम करनेवाले मोहम्मद जमील अहमद ने कहा कि विपक्ष के नेता जितनी जल्दी हो सकें उतनी जल्दी आरोपों के खिलाफ अपील करेंगे।
यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) ने दावा किया है कि यामीन को अदालत के फैसले को पेश करने में "देरी" कथित रूप से "फैसला कहीं और से पेश किए जाने के कारण" थी। पीपीएम ने यह भी दावा किया कि मालदीव की आपराधिक अदालत ने अपने यूट्यूब चैनल से " वीडियो फुटेज को अकारण हटा दिया।"
रविवार को पीपीपी के एक अन्य बयान में इस निर्णय का वर्णन यामीन को 2023 के राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने से रोकने के लिए "एक विदेशी राज्य के साथ मिलीभगत के माध्यम से राजनीतिक उत्पीड़न और प्रतिशोध के उत्पाद" के रूप में किया गया।
क्या है यामीन पर आरोप?
2018 में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमपीडी) सत्ता में आयी थी। सत्ता गंवाए यामीन पर एक द्वीप रिसॉर्ट का विकास करने के अधिकारों के पट्टे के माध्यम से 10 लाख डॉलर सरकारी धन गँवाने का आरोप लगाया गया।
यामीन को 2019 के आरोप के लिए दोषी ठहराया गया और उन पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया गया, लेकिन 2020 में उनको हाउस अरेस्ट से रिहा कर दिया गया।
2023 के चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो जाने की घोषणा करने के बाद यामीन और उनके समर्थकों ने सोलिह प्रशासन के साथ नई दिल्ली के मजबूत राजनीतिक, रक्षा और आर्थिक संबंधों का विरोध करने के लिए देशव्यापी 'इंडिया आउट' अभियान का नेतृत्व किया है।
यामीन के कार्यकाल के दौरान काम करने वाले मालदीव के कई पूर्व अधिकारियों ने हाल के महीनों में मालदीव में भारतीय राजनयिकों और अन्य भारतीय हितों के खिलाफ हमलों का आह्वान किया है।
यामीन के कार्यकाल के दौरान सरकारी प्रवक्ता का काम करनेवाले अब्बास आदिल रिज़ा ने पिछले हफ्ते माले में भारतीय उच्चायोग की इमारत में आग लगाने की अपील की।
सप्ताहांत में रोशनी में आए एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने भारतीय मिशन के खिलाफ "आगजनी और आतंकवाद के लिए उकसाने" की अपील की निंदा करके रिजा के खिलाफ कानूनी जांच शुरू की है।
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